हदों से हम अपने क्या गुजरे, लोग हमको बे अदब समझने लगे I
1 min readरायबरेली I
सलोन क्षेत्र के संकठा प्रसाद विजय बहादुर सिंह स्मृति महाविद्यालय लहुरेपुर में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का अयोजन संपन्न हुआ। जिसमें दूर दूर से आये कवियों ने अपनी कविताओं के मध्यम से समा बाँधा।कार्यक्रम में स्थानीय विधायक अशोक कुमार बतौर मुख्य अतिथि की मौजूदगी में कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कवि सम्मेलन की शुरुआत भुज गुजरात से पधारी संगीता पाल की वाणी वन्दना से हुआ।उन्होंने अपने को कुछ इस तरह पढ़ा
तेरे चरणों की रज कण कण से नाता जोड़ लेते हैं।।
कानपुर से पधारी डॉ अंजना कुमार ने पढ़ा–हदों से हम अपने क्या गुजरे, लोग हमको बे अदब समझने लगे।।
अहमदाबाद से आये मन कुमार ने श्री राम पर रचनाएँ पढ़ कर तालियाँ बटोरीं।म0प्र0 से पधारे जगदीश गुर्जर ने —चूड़ियाँ नहीं आतीं बालियाँ नहीं आती ,अगर जीजा न हों तो सालियाँ नहीं आतीं पढ़ कर लोगों को खूब हँसाया।बाराबंकी से पधारे हास्य कवि जमुना प्रसाद पांडेय अबोध जी ने हास्य रचनाओं के साथ भ्रूण हत्या पर मार्मिक गीत पढ़ कर महफ़िल को गमगीन कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि लाल बत्ती मैनपुरी ने जानवरों पर कविता पढ़ कर श्रोताओं को खूब हँसाया।
मंच संचालन कर रहे हरि बहादुर हर्ष ने –घर घर से अफजल निकलेंगे तो हम क्या चुप धारेंगे,
हम राणा के वंशज हैं हम घर मे घुस कर मारेंगे।।पढ़ कर अपनी वीर रस की रचनाओं से महफ़िल में जोश भरा।।
महाविद्यालय के मेधावियों शेजल निर्मल बी0ए0 में 83 प्रतिशत अंक तथा बृजेश कुमार 85.5 प्रतिशत व आदर्श अग्रहरि बी0कॉम 77.83प्रतिशत तथा शेजल निर्मल 82.8व ज्योति मौर्या को बी0यस0सी0में 78.83 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होने पर विधायक जी द्वारा सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संयोजन जीतेन्द्र सिंह द्वारा किया गया ।
महाविद्यालय के प्रबंधक राकेश सिंह ने आये हुए अतिथियों तथा कवियों के प्रति आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में राणा सूबेदार सिंह चौहान, अनिल सिंह,जय सिंह,डॉ अम्बिकेश त्रिपाठी,द्वारिका प्रसाद त्रिपाठी,देवेंद्र सिंह ,शिरीष मिश्रा ,लल्लन वर्मा,रावेंद्र मिश्रा ,मनोज शर्मा ,अजय सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।