पराली प्रेषण के लिए सेल एवं सचल दस्ते का हुआ गठन
1 min readशासन के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा ने अवगत कराया है कि फसल अवशिष्ट प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश देते हुए जनपद स्तर पर सेल व तहसील स्तर पर सचल दस्ते का गठन करते हुए प्रत्येक दिन की घटनाओं का अनुश्रवण किये जाने तथा प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल को किसी भी दशा में अपने सम्बन्धित क्षेत्र में पराली/कृषि अपशिष्ट जलाने से मिट्टी जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि से अवगत कराने के साथ-साथ पराली जलाने पर उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही भी किया जाय। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलने से हो रहे पर्यावरण को नुकसान तथा शासन के निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से किसानों के बीज में फसल अवशेष जलने की घटनाओं पर रोक लगाया जाय तथा पराली को जलाये जाने हेतु किसानों को जागरूक किया जाय व इच्छुक किसानों को पराली एकत्र कर गोवंश आश्रय स्थलों तक पहुॅचाया जाय। उन्होंने बताया कि गोवंश आश्रय स्थलों पर पराली दो खाद लो कार्यक्रम का क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से किया जाय तथा अधिक से अधिक पराली गोवंश आश्रय स्थलों पर पहुॅचाकर कार्यक्रम को सफल बनाया जाय ताकि पराली का इन स्थलों पर विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा सके व किसानों के खेत में गोशाला स्थल तक पराली का ढुलान पंचायतराज अधिकारी के शासनादेश के प्रस्तर-2 के अन्तर्गत किया जायेगा। इस सम्बन्ध में उन्होंने ग्राम प्रधानों/पंचायत सचिवों को निर्देशित किया है कि पराली को नजदीकी गोवंश आश्रय स्थलों तक पहुॅचाना सुनिश्चित करें तथा प्रतिदिन की सूचना संलग्न प्रारूप पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत को अपरान्ह् 2ः00 बजे तक उपलब्ध करायेंगे। सहायक विकास अधिकारी पंचायत द्वारा उक्त सूचना जिला पंचायतराज अधिकारी को संलग्न प्रारूप पर अपरान्ह् 3ः00 बजे तक उपलब्ध करायेंगे। सहायक विकास अधिकारी पंचायत द्वारा उक्त सूचना जिला पंचायतराज अधिकारी को संलग्न प्रारूप पर अपरान्ह् 4ः00 बजे तक प्रत्येक दशा में उपलब्ध करायी जायेगी। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि धान की पराली को सम्बन्धित गॉव के पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा नजदीकी गोवंश आश्रय स्थलों तक पशुपालन विभाग के स्थानीय कार्मिकों के सहयोग से पहुॅचायी जायेगी व धान की पराली को गोवंश आश्रय स्थल पर पहुॅचाने में पशुपालन एवं कृषि विभाग द्वारा पूर्ण समन्वय समस्त विभाग से स्थापित किया जायेगा तथा कृषि विभाग के कार्मिकों द्वारा भी किसानों को प्रोत्साहित करके पराली को गोवंश आश्रय स्थलों पर पहुॅचाने में सहयोग किया जाय। उन्होंने बताया कि जिला विकास अधिकारी अमेठी को इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए निर्देशित किया है कि सभी सम्बन्धित से समन्वय गोवंश आश्रय स्थलों तक अधिकतम पराली का प्रेषण करना सुनिश्चित करें, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।