दो दिन का धनतेरस ,40 हज़ार करोड़ का होगा कारोबार!
1 min readदेश में इस वर्ष दो दिन का धनतेरस त्यौहार पड़ा है I जिसको लेकर व्यापारियों में अच्छा खासा उत्साह देखने को मिल रहा है कोरोना काल के बाद यह पहला मौका होगा जब व्यापारियों को अच्छा बिजनेस करने की उम्मीद है I इस बार 22 एवं 23 अक्टूबर को धन तेरस है इस दिन जमकर खरीदारी करते हैं I सराफा बाजार में सोने चांदी की दुकान,शोरुम सजधज कर तैयार है, इसी तरह से बर्तनों की दुकाने सड़क तक सजी हुई हैं I कपड़े व इलेक्ट्रानिक सामान की दुकानें लाइटिंग से जगमग हाे रही हैं। इसी तरह कास्मेटिक ,मोबाइल और जूता चप्पल , कपड़ा कास्मेटिक व होजरी की दुकानों पर भीड़ लग रही है I इलेक्ट्रोनिक की दुकानों पर भीड़ भाड़ रही। सबसे अधिक रोशनी का सामान बिका जिसमें झालर,बल्व,सीएफएल, छोटे बल्व,डोरी,प्लग,झूमर,लैंप आदि की बिक्री अधिक हुई। इसके अलावा इलेक्ट्रोनिक सामान रसोई का सामान, फ्रिज,आवन,एलसीडी,एलईडी ,लेपटॉप आदि की जमकर बिक्री हुई।बर्तन की दुकानें सजी हुई थी जिन पर ग्राहकों की पूरे दिन भीड़ भाड़ देखी गई। धनतेरस की शाम से यह भीड़ कई गुना बढ़ गई थी। दुकानों पर रसोई के बर्तन के अलावा बर्तन स्टेंड,टिफिन,भगौनी,डिनर सेट, थाली,लोटा,चम्मच आदि स्टील के खरीदे गए। इसके अलावा तांबा व कांसे का सामान भी लोगों ने भरपूर मात्रा में खरीदा। धार्मिक सामान की बिक्री की दुकानें सजीं थीं। इन दुकानों पर पूरे दिन भीड़ जमा रही। जिन पर भगवान के कपड़े,मूर्ति, मुकुट,माला,चंदन,रोरी आदि की खूब बिक्री हुई। जिसमें दीपावली के पूजन सामग्री शामिल है। व्यापारियों का मानना है कि इन दुकानों पर भी करोड़ों का व्यापार हुआ।
कैट का 40 हज़ार करोड़ व्यापार का अनुमान
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि 22 अक्टूबर को देश भर में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये और कल लगभग 25 हजार करोड़ रुपये से जोड़कर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के रिटेल व्यापार का अनुमान है I कैट का कहना है कि सिद्धि विनायक श्री गणेश जी, धन की देवी महालक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा होती है I इस दिन नई वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है I इस दिन खास तौर पर सोना चांदी के आभूषण और अन्य वस्तुएं, सभी प्रकार के बर्तन, रसोई का सामान, वाहन, कपड़े और रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान और उपकरण, व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर और कंप्यूटर से जुड़े उपकरण, मोबाइल, बही खाते, फर्नीचर, एकाउंटिंग का अन्य सामान आदि विशेष रूप से खरीदे जाते हैं I
ज्वैलरी व्यापारियों ने धनतेरस पर की है जोरदार तैयारी
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि देश भर के ज्वेलरी व्यापारियों में दो दिनों में धनतेरस की बिक्री को लेकर बड़ा उत्साह है जिसके लिए ज्वैलरी व्यापारियों ने व्यापक स्तर पर काफी तैयारियां की हुई हैं I लोगों की पसंद के अनुसार सोने -चांदी, डायमंड आदि के नये डिजाइन के गहने और आभूषण सहित अन्य वस्तुओं का प्रचुर मात्रा में स्टॉक रखा गया है I उन्होंने बताया कि इसके साथ ही इस वर्ष आर्टिफिशियल ज्वेलरी की भी बड़ी मांग बाजारों में दिखाई दे रही है I वहीं ग्राहकों द्वारा सोने चांदी के सिक्के, नोट और मूर्तियों को भी धनतेरस पर बड़ी मात्रा में खरीदा जाना भी संभावित है I हालांकि रविवार छुट्टी होने के बावजूद देश भर में सोने चांदी की दुकानें खुली रहेंगी I
क्यों मनाते हैं धनतेरस
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। इसलिए इस त्योहार का नाम धनतेरस रखा गया। बता दें कि समुद्र मंथन के वक्त भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। यही कारण है कि धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। आप बर्तन नहीं खरीदना चाहते हैं तो आप कोई अन्य समान भी खरीद सकते हैं। इस दिन सामान खरीदना बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है।धनतेरस के शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि के साथ माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है, जिससे हम सभी के घर में धन, सुख और समृद्धि का वास होता है। कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के दो दिनों बाद देवी लक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं, इसलिए धनतेरस के दो दिन बाद दीपावली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।