WEATHER UPDATE : दिल्ली में पांच दिन नहीं बरसेंगे बादल, उमस से बेहाल रहेंगे लोग
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विशेष रिपोर्ट – रवि नाथ दीक्षित
यूपी, बिहार, बंगाल, ओडिशा से लेकर पहाड़ों तक बरसेंगे बदरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पिछले एक सप्ताह से बारिश और जलभराव के कारण मुश्किलों से जूझ रही थी। 1 सितंबर से 8 सितंबर तक हुई झमाझम बारिश ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों को तालाब बना दिया था। जगह-जगह पानी भर गया, नालों का स्तर बढ़ा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। मौसम विभाग ने साफ किया है कि दिल्ली में अगले पांच दिन यानी 10 से 15 सितंबर तक एक भी बूंद बारिश नहीं होगी।
इस दौरान लोगों को तेज धूप और उमस झेलनी होगी। तापमान बढ़ेगा और गर्मी का असर लोगों को खूब पसीना बहाने पर मजबूर करेगा। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से लेकर पहाड़ी राज्यों तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा।
दिल्ली में राहत और परेशानी दोनों
पिछले हफ्ते तक दिल्लीवासी लगातार हो रही बारिश और जलभराव से परेशान थे। कई इलाकों में सड़कें डूब गई थीं, ट्रैफिक रेंगता रहा, मेट्रो तक की सेवाएं बाधित हुईं। यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था और निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।
अब बारिश थम चुकी है। यमुना का जलस्तर घटने लगा है और सड़कें भी सूखने लगी हैं। लेकिन बारिश रुकने से गर्मी और उमस की मार बढ़ेगी। मौसम विभाग के मुताबिक 10 सितंबर से 15 सितंबर तक आसमान साफ रहेगा, बीच-बीच में हल्के बादल जरूर छाएंगे, लेकिन बूंदाबांदी की संभावना नहीं है।
इस दौरान अधिकतम तापमान 36–38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है और न्यूनतम तापमान भी 28–29 डिग्री के आसपास रहेगा। हवा में नमी ज्यादा होने से उमस भरी गर्मी लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करेगी।
यूपी में बारिश का डबल अलर्ट
दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज पूरी तरह अलग रहेगा। मौसम विभाग ने यहां अगले कुछ दिनों के लिए बरसात का अलर्ट जारी किया है। 11 और 12 सितंबर – पूर्वी और पश्चिमी यूपी में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। 15 सितंबर – एक बार फिर पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर लौटेगा ।
वहीं बुधवार को (11 सितंबर) कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी, लेकिन उस दिन भारी बारिश का खतरा नहीं रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यूपी के पूर्वी हिस्से में बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी और पश्चिमी यूपी में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखाई देगा। इसका नतीजा होगा कि कई जिलों में लगातार बारिश होगी।
बिहार, बंगाल और ओडिशा में झमाझम का दौर
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक बिहार में 12 सितंबर तक लगातार बारिश होती रहेगी। कई जिलों में मूसलाधार बारिश के चलते जलभराव की स्थिति बन सकती है।
पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी 14 सितंबर तक बादल जमकर बरसेंगे। यहां नदियों के उफान और निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता।
ओडिशा में 12 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से उठे लो-प्रेशर एरिया का असर इस राज्य पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में भी अगले 24 घंटों तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। यहां समुद्री तूफानी हवाएं भी चल सकती हैं।
मध्य भारत और महाराष्ट्र में भी बरसेंगे बदरा
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहेगी। 13 सितंबर तक इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 13 से 15 सितंबर तक बादल जमकर बरसेंगे।
वहीं कोंकण और गोवा में 14 और 15 सितंबर को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं, इसलिए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
पहाड़ों पर मौसम का मिजाज
उत्तर-पूर्व और उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
नागालैंड और मणिपुर – 11 और 12 सितंबर को भारी बारिश।
अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय – 12 से 14 सितंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश – 13 सितंबर को जोरदार बारिश का पूर्वानुमान।
उत्तराखंड – 12 से 14 सितंबर तक झमाझम का दौर।
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन और सड़क बाधाओं का खतरा रहेगा। चारधाम यात्रा मार्गों और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत भी होगा भीगने वाला
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी अगले कुछ दिनों तक रुक-रुक कर बारिश होगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी कमजोर नहीं पड़ा है और समय-समय पर इन राज्यों में बादल अपना असर दिखाते रहेंगे।
आम जनता पर असर
दिल्ली में अगले पांच दिन बारिश न होने से जहां लोग उमस और गर्मी से बेहाल रहेंगे, वहीं यूपी, बिहार और बंगाल के लोग झमाझम बारिश से जूझेंगे। कई राज्यों में फसलें भीगने से किसानों को नुकसान हो सकता है, जबकि पहाड़ों में भूस्खलन से यातायात प्रभावित होने की आशंका है।