SPECIAL REPORT : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर विशेष आयोजन
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विशेष रिपोर्ट – डॉ. अंशुमालि शर्मा
लखनऊ, उप्र ।
World Suicide Prevention
रामकृष्ण मठ, लखनऊ एवं ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट (HUM) के संयुक्त तत्वावधान में आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम श्री रामकृष्ण मठ ऑडिटोरियम, निराला नगर, लखनऊ में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री रामकृष्ण मठ के स्वामी मुक्तिनाथानंद जी महाराज के उद्घाटन संबोधन से हुआ। उन्होंने कहा “मुझे गर्व है कि आज हमारे कैंपस में ऐसे सामाजिक विषय पर चर्चा का आयोजन हो रहा है।
यह समस्या केवल भारत की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की है। इसका मूल कारण अज्ञानता है। हम पढ़ाई करके ज्ञान तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन स्वयं को जानना सबसे आवश्यक है और यही सबसे बड़ी कमी रह जाती है।”
कार्यक्रम में विशेषज्ञों के विचार
डॉ. देवेंद्र सिंह वार्ष्णेय ने कहा कि भारत में सबसे अधिक आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं, और इसका मुख्य कारण है कि लोग अपनी समस्याएँ साझा नहीं करते।
डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि यह समस्या केवल गरीब या अशिक्षित वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी जैसे IAS/IPS भी आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि उनके पास पद और पैसा जैसी कोई कमी नहीं होती।
डॉ. संगीता शर्मा ने कहा कि आत्महत्या वास्तव में *आत्मा की हत्या* है। इससे पूरा परिवार प्रभावित होता है। आज छोटे-छोटे बच्चे, कक्षा 6-7 तक के छात्र भी शिक्षकों या घर की डाँट से आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं।
डॉ. अंशुमालि शर्मा ने कहा कि आज के युवा अपने करियर को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन अपनी वास्तविक क्षमता को नहीं पहचान पाते। संघर्ष जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन जीवन कौशल होने से हम उनसे जल्दी बाहर निकल सकते हैं।
प्रो. रश्मि सोनी ने कहा कि देश की 65% आबादी युवा है। यदि युवा ही कमजोर पड़ेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? युवाओं को यह सोचना चाहिए कि हम किसी से कम नहीं हैं। हमें अपनी कमियों को स्वीकार करना चाहिए और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
इस आयोजन का उद्देश्य समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना और आत्महत्या रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयास करना था।
उक्त अवसर पर छात्र-छात्राओं से निरंतर संवाद को बढ़ावा देने के लिए “आल इज़ वेल फोरम” को पुनर्जीवित करते हुए डॉक्टर संगीता शर्मा-9415023121 डॉ अंशुमालि शर्मा-9415408590 डॉक्टर शुचिता चतुर्वेदी-9410609209 एवं प्रोफेसर रश्मि सोनी-9415063105 के मोबाइल नंबर सभी उपस्थित सज्जनों को उपलब्ध कराए गए।
अब सभी छात्र-छात्राओं को अपने मन की उलझन साझा करने के लिए कोई विश्वसनीय साथी मिल गया।