Wood Cutting : लकड़ी माफिया सक्रिय, सरकारी जंगलों का हो रहा दोहन
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विशेष रिपोर्ट रवि नाथ दीक्षित
अमेठी,उप्र।
जिले के तिलोई तहसील के तिलोई रेंज के अंतर्गत टिकरी क्षेत्र के महेशपुर जंगल में लकड़ी माफियाओं का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां एक संगठित गिरोह सक्रिय है जो दिनदहाड़े सरकारी जंगल से कीमती लकड़ी काटकर अवैध कमाई कर रहा है। हाल ही में हुए कटान में एक भारी-भरकम कीकड़ का पेड़, एक शिवबबूल का पेड़ और एक आधा कटा कीकड़ का पेड़ काटकर करीब पांच टन लकड़ी की तस्करी की गई।
इस अवैध कटाई से प्रदेश सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। सरकारी खजाने पर डाका डालते हुए लकड़ी माफिया मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी गहरा नुकसान हो रहा है। जंगल के कटने से जैव विविधता प्रभावित हो रही है, पक्षियों और जंगली जानवरों का प्राकृतिक आवास उजड़ रहा है, मिट्टी का कटाव और जलवायु चक्र में असंतुलन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
कीकड़ और शिवबबूल जैसे पेड़ न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं बल्कि भू-जल संरक्षण और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।सूत्रों का यह भी कहना है कि इस पूरे अवैध कटान के पीछे वन विभाग के जमीनी स्तर के जिम्मेदारों की मिलीभगत रहती है।
मौके के जिम्मेदार अधिकारी ही अक्सर बंदरबांट में शामिल होते हैं, जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैं। पूर्व में वन विभाग के जांबाज सिपाही रामराज यादव ने ऐसे ही कटान पर FIR दर्ज कराई थी, जिसके बाद माफियाओं में हड़कंप मच गया था। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर इन माफियाओं पर कार्रवाई कौन करेगा, जब जिम्मेदार ही मूकदर्शक बने बैठे हैं।
जरूरी है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और वन माफियाओं व विभागीये जिम्मेदार पर कड़ी कार्रवाई करे। तभी जंगल और पर्यावरण को बचाया जा सकेगा और सरकारी खजाने को हो रहे नुकसान पर रोक लग सकेगी।