अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व दशहरा- डॉ अर्जुन पाण्डेय
1 min read

प्रोफेसर डा0 अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि बिजय पर्व दशहरा पुरुषोत्तम रामचन्द्र के आदर्श, अध्यात्म, अनुपम महिमा एवं शक्ति पूजा का पर्व है,जो मानव को नैतिकता के सूत्र में बांधता है।यह पर्व मानव के भीतरी निहित शक्तियों को जागृत करने के अवसर के साथ अहंकार नष्ट कर नम्रता प्रदान करता है।रामराज की संकल्पना भारतीयों के जनमानस में आज भी विद्यमान है।
उन्होंने कहा कि भगवान का आहार है।यह पर्व इस बात का परिचायक है।रावण ने तप से शक्तियां अर्जित की, उससे उसे घमंड हुआ, उसने लोककल्याण के बजाय अपनी शक्तियों दुर्पयोग किया। परिणाम यह हुआ कि कुल सहित उसका नाश हो गया।आज के प्राणियों को इस पर्व से यह सीख लेनी चाहिए कि अतिवाद एवं अत्याचार करने वाले का समूल नाश हो जाता है। हमें आपत्तिकाल में भी धर्म से विमुख नही होना चाहिए।
सदियों से यह पर्व देश-दुनिया में लोगों की आस्था से जुड़ा है, जिसका इन्तजार वर्ष भर रहता है।
अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व दशहरा हर्षोल्लास से मनाया जाना चाहिए।