Cattle Protection : उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के सदस्य की अध्यक्षता में गोवंश संरक्षण को लेकर बैठक हुई आयोजित
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REPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS।
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग लखनऊ के सदस्य रमाकांत उपाध्याय ने आज अपने जनपद भ्रमण के दौरान कान्हा गौशाला गौरीगंज का स्थलीय निरीक्षण कर गोवंशों को दी जा रही मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौशाला में भूसा, हरा चारा, पशु आहार, शेड, गोवंशों की ईयर टैगिंग, छांव की व्यवस्था, पीने के पानी की उपलब्धता, स्वच्छता सहित अन्य पहलुओं पर गहनता से निरीक्षण किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौशाला में सभी व्यवस्थाओं को देखकर संतोष व्यक्त किया।
इसके उपरांत गो सेवा आयोग के सदस्य ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी संजय चौहान, मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल सहित सभी खंड विकास अधिकारियों व पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों तथा पशु चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों की समीक्षा किया। बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण शुक्ल ने बताया कि जनपद अमेठी में कुल 126 गो आश्रय स्थल संचालित है जिनमें 22109 गोवंश संरक्षित हैं। बैठक में गो सेवा आयोग के सदस्य ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अधिकारियों के साथ चर्चा व विचार विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गायों के लिए कुबेर का भंडार खोला है प्रत्येक गौशाला में प्रत्येक गोवंश को सुविधाएं मिलनी चाहिए, बीमार व कमजोर गोवंशों को अलग सुविधा दी जाए, गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए, वहां पर गोबर से खाद, पेंट सहित विभिन्न उत्पाद बनाए जाएं तथा किसानों को गोबर की खाद व गोमूत्र का प्रयोग खेती में करने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को समझाया जाए की गाय सिर्फ दूध देने के लिए नहीं अपितु उसका गोबर व गोमूत्र भी हमारे लिए बहुत उपयोगी है, गाय के गोबर से बायोगैस प्लांट लगाकर गैस बनाई जा सकती है।
उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने विकासखंडों में सभी ग्राम प्रधानों के साथ बैठकर कर प्रत्येक ग्राम प्रधान को अपने-अपने गांव में 10-10 किसानों को बायोगैस प्लांट लगवाने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को गाय के गोबर और गोमूत्र तथा गाय से होने वाले लाभों के बारे में बताया जाए जिससे किसान अपने गोवंशों को बाहर निराश्रित ना छोड़े साथ ही गौशालाओं में गोबर के विभिन्न उत्पादों को बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर किया जाए।
गौशाला को मॉडल गौशाला बनाया जाए तथा उन्हें विद्यालयों से जोड़ा जाए, विद्यालय के बच्चे वहां पर आकर अपना जन्मदिन मनाएं और घूमें फिरें, गौशाला को पिकनिक स्पॉट की तरह उपयोग किया जाए। बैठक में जिलाधिकारी ने गो सेवा आयोग के सदस्य को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपके द्वारा गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो भी निर्देश दिए गए हैं उनका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए जनपद की मुख्य मार्गो की गौशालाओं को मॉडल गौशाला के रूप में विकसित किया जाएगा तथा उन्हें विद्यालयों से भी जोड़ा जाएगा एवं उन्हें बतौर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित कर बच्चों व जन सामान्य को भी उन गौशालाओं से जोड़कर गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
साथ ही वहां पर गोबर से विभिन्न उत्पादों का भी निर्माण कराया जाएगा। बैठक में जिला विकास अधिकारी वीरभानु सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए ऐश्वर्य यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज त्यागी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।