MAHAKUMB -2025 : धार्मिक गतिविधियों का संगम बना प्रयागराज महाकुम्भ
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REPORT BY NEWS DESK
PRAYAGRAJ, UP।
प्रयागराज में महाकुंभ में रोजाना लाखों भक्त स्नान कर रहे हैं। अब तक 06 दिनों में करीब 7.7 करोड़ लोगों का स्नान संगम में हो चुका है। लेकिन स्नान करने वालों की महाकुंभ में भारी भीड़ लगातार देखी जा रही है। महाकुंभ में 40 करोड़ से भी अधिक संगम में स्नान करने का अनुमान है देश विदेश में महाकुम्भ चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर महाकुंभ मेला के बारे में करोड़ों लोगों ने जानकारी ले रहे हैं।
महाकुंभ के विशाल पैमाने और वैश्विक आकर्षण को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि विश्वभर में करोड़ों लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर महाकुंभ से संबंधित सामग्री देखी होगी। महाकुंभ की चर्चा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में होती है। इसे देखने और अनुभव करने के लिए विदेशों से भी हजारों पर्यटक आते हैं।
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं, संस्कृति, और मान्यताओं का एक अद्भुत संगम है, जो इसे दुनिया भर में विशेष और चर्चा का केंद्र बनाता है। प्रयागराज महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इसे “महाकुंभ” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है।
महाकुंभ का आयोजन
महाकुंभ का आयोजन भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक – पर किया जाता है। यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है, जिसमें करोड़ों लोग शामिल होते हैं। महाकुंभ की चर्चा का मुख्य कारण इसका धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।
महाकुंभ की परंपरा का संबंध हिंदू धर्म के समुद्र मंथन की कथा से है। मान्यता है कि जब देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र मंथन किया, तो अमृत कलश से चार स्थानों (प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक) पर अमृत की बूंदें गिरीं। इन स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।
कुंभ दर कुंभ मेले में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
आईआईएम इंदौर के प्रोफेसर शेखर शुक्ला ने अपने अध्ययन में बताया कि प्रत्येक कुंभ 1977 से लेकर 2025 के महाकुंभ तक श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है श्रद्धालुओं की ग्रोथ हंड्रेड परसेंट की है 1977 में डेढ़ करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे 2013 में 12 करोड़ पहुंच गई 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या दूने पर यानी 24 करोड़ पहुंच गई। इस बार के महाकुम्भ में 40 करोड़ तक आंकड़ा पहुँचने का अनुमान है।
प्रोफेसर शुक्ला का कहना है कि महाकुंभ में जैसे-जैसे सुविधाये बढ़ी, वैसे वैसे श्रद्धांलुओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। पहले के समय में इतनी सारी सुविधाएं नहीं मिल पाती थी
यूपी की अर्थव्यवस्था को और मिलेगी मजबूती
उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहे महाकुंभ से पर्यटन संस्कृति और अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा जो भविष्य में मिल का पत्थर साबित होगा महाकुंभ की तैयारी के लिए प्रदेश सरकार ने 7500 करोड रुपए की धनराशि खर्च किया। अनुमान लगाया जा रहा है 2 लाख करोड़ की आय इस मेले होगी। आने वाले वर्ष 2030 तक देश की इकोनॉमी 3200 मिलियन डालर होगी, जिसमें यूपी की भागीदारी सबसे अधिक होगी।
27 जनवरी को महाकुंभ में होगी धर्म संसद
प्रयागराज महाकुंभ में 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन होगा।इस धर्म संसद के महाकुंभ में गाय सनातन हिंदू राष्ट्र के साथ ही काशी और मथुरा मुख्य चर्चा के विषय होंगे सनातनियों के लिए धर्म देश के साथ ही सनातन बोर्ड का गठन पर सहमत बनने की संभावना है।
सभी धर्म संसद का एक मात्र उद्देश्य हिन्दू धर्म की रक्षा है। धर्म संसद में चारों पीठों के शंकराचार्य 13 अखाड़े और देश भर के संत महात्मा शामिल होंगे। इन धर्म संसदों में इस्लामी जिहाद और हिन्दू राष्ट्र पर मंथन होगा।
महाकुंभ पहुंचकर रक्षा मंत्री ने लगाई संगम में डुबकी
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी महाकुंभ पहुंचकर संगम में डुबकी लगाई और पूजन किया इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में विश्व के सबसे बड़े आयोजन और सबसे बड़े जैन समागम का कुशलता पूर्व संचालन किया गया और जिस श्रद्धा भाव से आयोजन किया जा रहा है मुख्यमंत्री को साधुवाद। उनके साथ राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी भी मौजूद रहे।
महाकुंभ में चर्चित हुए ये चेहरे
हर्षा रिछारिया
महाकुंभ मेले में आए हुए श्रद्धालुओं में से कुछ काफी चर्चित हुये। जिसमें सबसे स्वामी कैलाशानन्द महराज निरंजनी अखाड़ा की शिष्या हर्षा रिछारिया अधिक चर्चा में रही। हर्षा उत्तराखंड की रहने वाली हैं। यह पैसे से एंकर और कंटेंट का काम करती हैं।
यह अपनी सुंदरता के चलते काफी चर्चा में रही इनका साध्वी रूप सोशल मीडिया पर खूब छाया। इसे लेकर काफी ट्रोल भी हुई, अंत में इन्हें तीन दिन के अंदर ही कुंभ छोड़कर जाना पड़ा।
आईआईटियन बाबा
महाकुंभ में आईआईटियन बाबा की भी काफी चर्चा रही जिन्होंने लाखों का पैकेज छोड़कर सन्यासी बन गए। इनका असली नाम अभय सिंह है। सोशल मीडिया पर इनके बारे में खूब दिखाया जा रहा है, देखे जा सकते हैं।
फिर इनके बारे में अब अफवाह उड़ी कि यह महाकुंभ छोड़कर चले गए हैं।लेकिन शनिवार को यह पुनः वापस आ गए और मीडिया से उन्होंने कहा मैं महाकुंभ से भाग नहीं हूं यही कल्पवास करूंगा
खूबसूरत आँखों वाली मोनालिसा
महाकुंभ मेला मे मध्य प्रदेश के महेश्वर जिले से अपने परिवार के साथ माला बेचने आई एक लड़की मोनालिसा इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है। लड़की की खूबसूरत आंखें उसके लिए जी का जंजाल बन गई और उसे महाकुंभ छोड़ना पड़ा। जब वह माल बेचने निकलती के पीछे लोगों का हुजूम चल पड़ता और फोटो खिंचवाना और वीडियो बनाने लगते।
जिससे परेशान होकर मोनालिसा के पिता ने उसे वापस घर भेज दिया उसकी बहन विद्यावती ने बताया कि वह अभी भी एक बहन के साथ माल बेच रही है इंटरनेट पर वायरल होने के कारण वह माल भेज नहीं पा रही है इसलिए उसके पिता ने मध्य प्रदेश भेज दिया।