RELIGION AND SPIRITUALITY : रामकृष्ण मठ में धूमधाम से मनाया जा रहा नवरात्रि पर्व
1 min read
REPORT BY AMIT CHAWLA
LUCKNOW NEWS I
6 दिवसीय श्री श्री दुर्गा पूजा रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ में मनाई जा रही है। उपरोक्त सभी कार्यक्रम हमारे आधिकारिक यूट्यूब चैनल ’रामकृष्ण मठ, लखनऊ’ पर सीधा प्रसारण भी किया जा रहा है। चौथे दिन देवी दुर्गा की महाष्टमी पूजा सुबह 5ः15 बजे मंगलारती के साथ शुरू हुई और उसके बाद शहनाई की धुन बजाई गई।प्रातः 7ः15 बजे स्वामी मुक्तिनाथानंन्दजी महाराज द्वारा सत् प्रसंग (ऑनलाइन) प्रवचन दिया गया।
तत्पश्चात देवता की औपचारिक पूजा सुबह 5:30 बजे महास्नान एक छोटी दर्पण के रूप में शुरू हुई। इस प्रक्रिया के लिए लगभग 50 स्रोतों से लाए गए पानी का उपयोग मंत्रों के उचित जाप के साथ किया गया था। तत्पश्चात् लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती, कार्तिक जैसे अपने सभी परिवार के सदस्यों के साथ-साथ उनके वाहनों जैसे सिंह, चूहा, उल्लू, हंस, मोर आदि के साथ देवी माँ के परिवार के कुल 83 सदस्यों की पूजा शास्त्रों के अनुसार की गई।
कोलकाता के असीम दत्त एवं रामकृष्ण मठ, लखनऊ के स्वामी पारगानन्द द्वारा भक्तिगीत की प्रस्तुति दी गई I उस दौरान भातखंडे संगीत संस्थान, लखनऊ के शुभम राज द्वारा तबला संगत किया गया।
कुमारी पूजा —
पंडाल में सुबह 9ः00 बजे से 10ः00 बजे तक बड़ी संख्या में भक्तों के बीच देवी माँ के सजीव स्वरूप के रूप में एक 6 वर्षीया कन्या को भव्य रूप से सजाया गया और पूजा की गई। कुमारी पूजा का साकेंतिक अर्थ है कि हमें घर और बाहर सभी महिलाओं के प्रति सम्मानजनक रवैया रखना चाहिए।
तत्पश्चात, पुष्पांजलि सुबह 10ः30 बजे आयोजित की गई, जिसमें दुनिया भर के जो भक्त पूजा में शारीरिक रूप से उपस्थित नही हो पाये उन्होंने हमारे यूट्यूब चैनल रामकृष्ण मठ लखनऊ के माध्यम से ऑनलाइन भाग लिया। इसके अलावा मठ परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे जिन्होंने पुजारी द्वारा कहे गए मंत्र को दोहराते हुए देवता को फूल, चंदन का लेप आदि चढ़ाते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात सभी उपस्थितों को फल प्रसाद का वितरण किया गया।
संधि पूजा–
पूरे 6 दिवसीय पूजा का सबसे महत्वपूर्ण मूहूर्त महाष्टमी पूवाह्न 11ः43 बजे से अपराह्न 12ः31 बजे तक दुर्गा पूजा बड़ी तेजी के साथ संपन्न हुई। संधि पूजा का तात्पर्य है देवी द्वारा हमारी अंतर्निहित आसुरी प्रवृत्ति का विनाश एवं दैवी प्रवृत्ति का विकास। दोपहर करीब 12ः30 बजे से भोगारति के बाद उपस्थित सभी भक्तों के बीच पका हुआ प्रसाद वितरण किया गया।
शाम का कार्यक्रम
3 पुजारियों द्वारा देवता की संध्याआरती के बाद एक साथ स्तोत्र का पाठ किया गया और समूह में काली कीर्तन गाया गया।
देवी के रात्रि भोज के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम में कानपुर के श्री आयुष द्विवेदी देश में हिंदुस्तानी गायन संगीत की ध्रुपद-धमार शैली के एक प्रमुख और सक्रिय युवा कलाकार हैं। वह पंडित विनोद कुमार द्विवेदी के एक समर्पित पुत्र और शिष्य हैं अपनी मधुर आवाज और संगीत के सुरों के प्रति गहरी संवेदनशीलता के साथ, आयुष ने दुनिया भर के कई संगीत समारोहों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
उनके द्वारा ध्रुपद गायन प्रस्तुत किया गया एवंअयोध्या के श्री वैभव रामदास द्वारा पखावज संगत दिया गया। वैभव राम दास विश्व प्रसिद्व मृदंग महर्षि डॉ राम शंकर दास उर्फ स्वामी पागल दास जी के उत्तराधिकारी शिष्य पंडित विजय राम दास के पुत्र एवं शिष्य हैं । जो विगत 15 वषों से पखावज वादन के क्षेत्र में कार्यरत हैं।