विशेषज्ञों ने जटिल सर्जरी कर जच्चे एवं बच्चे को दिया जीवन
1 min readREPORT BY AMIT CHAWLA
LUCKNOW NEWS I
राजधानी के विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान का आए दिन क्रिटिकल केस का सफल इलाज एवं ऑपरेशन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है I संस्थान लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है I जिसका श्रेय संस्थान के अच्छे डाक्टरों की टीम एवं प्रबंधन को जाता है।
इस कड़ी में एक और क्रिटिकल केस को सफ़लता पूर्वक संस्थान के डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन कर जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित बचाने में कामयाब हुआ है I ऑपरेशन के तीसरे दिन ही महिला को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया I संस्थान के विशेषज्ञों ने जटिल सर्जरी कर जच्चे एवं बच्चे को जीवन दिया ।
जानिए क्या था पूरा केस, जिसका हुआ सफ़ल इलाज
22 वर्षीय मरीज श्रीमती बबली 09 माह की गर्भावस्था के साथ लखनऊ के विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में भर्ती हुई थी। उसे मल्टी ऑर्गन डिसफंक्शन के साथ गंभीर सेप्सिस व साथ ही साथ उसके गर्भ में पल रहे शिशु का जीवन संकट में था क्योंकि रक्त जांच में बढ़ी हुई टीएलसी, व एस.पीसीटी के साथ एलएफटी का भी काफी खराब स्तर था।
चूंकि कम प्लेटलेट काउंट और बढ़े हुए आईएनआर के कारण सर्जरी करना एक भारी जोखिम था उसके बावजूद भी संस्थान के चिकित्सा एवं शल्य विशेषज्ञों की टीम ने बच्चे और मां को बचाने के लिए आपातकालीन सर्जरी की योजना बनाई। चूंकि मरीज की खून रोकने की क्षमता जोकि काफी खराब थी उसको ध्यान में रखते हुए सामान्य एनेस्थीसिया के तहत सर्जरी की गई।
सेप्सिस और कोगुलोपैथी के कारण मरीज को इंट्राऑपरेटिव और ऑपरेशन के बाद रक्तस्राव का अधिक खतरा होने का जोखिम था। ऐसा रोगियों के समूह में प्री-ऑपरेटिव और पोस्ट-ऑपरेटिव में मृत्यु दर का उच्च जोखिम होता है। सर्जरी के बाद मरीज को सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू ) में स्थानांतरित कर दिया गया परन्तु जिस बात का जोखिम था वही हुआ 3 घंटे के बाद ही मरीज को परफ्यूजन पीवी ब्लीड होना शुरू हो गया।
तत्काल ही पैरामेडिकल स्टाफ ने बिना विलम्ब के मरीज को पुनः ओटी में स्थानांतरित कर दिया। जब चिकित्सकों ने मरीज को देखा तो पता चला कि बहुत ज्यादा खून बह गया है, तदोपरान्त मरीज का कुशल प्रबंधन करते हुए रक्त स्राव को रोकने में चिकित्सक कामयाब हो गये। उसके बाद पुनः मरीज को सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू ) में स्थानांतरित कर दिया गया। जिसके बाद मरीज़ को 2 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया ।
रक्त की कमी को पूरा करने के लिए रक्त ट्रांसफ़्यूज़ किया गया व एंटीबायोटिक्स दिए गए। ऑपरेशन के तीसरे दिन मरीज को सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू ) से बाहर कर वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी ने सफल आपरेशन करने वाले बहुविशेषज्ञों की टीम को बधाई दी है I
ये थी ऑपरेशन करने वाले विशेषज्ञों की टीम
सफल आपरेशन करने वाले बहुविशेषज्ञों की टीम में डॉ. के.के. अग्रवाल, डॉ. वीरेंद्र शर्मा, डॉ. राजलक्ष्मी भंडारी, डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. विवेक सचान, डॉ. सुधीर कुमार और डॉ. सोनिका गौऱ के अलावा नर्सिग, पैरामेडिकल व सहयोगी स्टाफ शामिल थे।