अनदेखी____ अगली किश्त न मिलने से अधूरे रह गये सपने, हज़ारों लाभार्थियों की तिरपाल के सहारे कट रही बरसात
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अमेठी। सरकारी योजनाओं को फलीभूत करने में सरकारी महकमा कितना गंभीर है और किस प्रकार योजनाओं को साकार करने में अनदेखी की जा रही है I इसका जीता जागता उदाहरण प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में देखने को मिल सकती है I जिले भर में हजारों लाभार्थियों को दूसरी व तीसरी किस्त ना मिलने के कारण इनके आवास अधूरे पड़े हैं I
लोगों को रहने के लिए तिरपाल एवं पन्नियों का सहारा लेना पड़ रहा है I क्योंकि किश्त न मिलने से छत मयस्सर नहीं हो रहा है I इससे बड़ी सरकारी योजनाओं की अनदेखी और क्या हो सकती है I सरकारी महकमे के लोग सिर्फ कागजों की खानापूर्ति ही देखने को मिल रही है I लाभार्थियों को कितना लाभ मिल रहा है यह तो धरातल पर जांच के बाद ही पता चल सकता है I
बानगी के तौर पर जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण) में दूसरी और तीसरी किस्त न मिलने से स्थानीय विकास खंड के लगभग 3900 आवास अधूरे पड़े हैं। आवास का निर्माण पूर्ण न होने पर इन लाभार्थियों को आने वाली बरसात तिरपाल या पॉलिथीन तानकर बितानी पड़ सकती है। आवास की किस्तें न मिलने से लाभार्थी परेशान हैं।
आकांक्षी विकासखंड शुकुल बाजार में वित्तीय 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 3900 आवास स्वीकृति हुआ है। इसमें करीब 1400 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। अब तक 700 लाभार्थियों को आवास की दूसरी किस्त जारी हुई है। अभी 3200 आवास का निर्माण कार्य अधूरा है। इसमें कई लाभार्थी दूसरी किस्त के पैसे आवास निर्माण पर खर्च कर चुके हैं, ऐसे लाभार्थी अब तीसरी किस्त की धनराशि का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को तीन किस्तों में एक लाख 20 हजार रुपये मिलते हैं। साथ ही 90 दिन की मनरेगा मजदूरी और शौचालय का पैसा अलग से मिलता है। इससे लाभार्थी को पक्का मकान बनाने में मदद मिलती है।
खंड विकास अधिकारी का कहना है—-
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी अंजलि सरोज का कहना है कि स्थानीय विकास खंड में 39 सौ आवास स्वीकृत हुए थे जिनमें 700 की आवास की दूसरी किस्त लाभार्थियों को भेजी गई है। शासन द्वारा धनराशि मिलते ही लाभार्थियों को दूसरी व तीसरी किस्त भेजी जाएगी I
रिपोर्ट – माधव बाजपेयी( अमेठी,यूपी)