छुट्टा पशुओं से परेशान लाखों किसानों के लिए राहत बनेगी मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना
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कपिल देव सिंह
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। वह खबर यह है कि अब किसानों की मेहनत से कमाई गई हरी भरी,पकी खड़ी फसल को छुट्टा सांड और जंगली जानवर सुअर,नीलगाय नहीं चर पाएंगे।
छुट्टा पशुओं और जंगली जानवरों से खेतों में उगाई गई फसलों को बचाने के लिए अब योगी आदित्यनाथ की सरकार 350 करोड़ रुपए खर्च कर “मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना” के तहत सोलर फेसिंग बाड़ लग वाने की है। इसके लिए सरकार अच्छा खासा बड़ा अनुदान भी देगी।
सब्सिडी वाली यह नई योजना खेतिहर किसानों के लिए इतनी उपयोगी है कि योगी सरकार अब इसे बुंदेलखंड में ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में एक साथ लागू करेगी। इसीलिए सरकार ने इस योजना के बाबत प्रस्तावित बजट धनराशि 75 करोड़ को बढ़ाकर अब 350 करोड़ रुपये कर दिया है।
सोलर फेसिंग योजना की यह है खासियत
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसान के खेत की हरी भरी और पक कर तैयार फसल को पशुओं के चरने से हुए नुकसान से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग बाड़ लगाने की योजना है। इसके तहत लगाई जाने वाली सोलर फेंसिंग की बाड़ में केवल 12 बोल्ट का करंट प्रवाहित होगा। इससे पशुओं को करंट का केवल हल्का झटका लगेगा। उस मवेशी की मौत नहीं होगी।
हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी। इससे छुट्टा सांड या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत मे खड़ी फसल को नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे और भाग जायेंगे। इसके लिए यूपी सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत 60 फीसद या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी।
कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाएगा।
गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करने के लिए 25 अगस्त तक चलेगा सरकारी अभियान
खेत में खड़ी फसल को पशु तब ज्यादा नुकसान करते हैं जब उनको पास में चारा खाने को कुछ नहीं मिलता। गोचर भूमि इसके लिए जरूरी है। गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान चला रहा है। यह अभियान 25 अगस्त तक चलेगा।
छुट्टा पशुओं से नुकसान की यह समस्या कमोबेश पूरे प्रदेश में एक जैसी है। विपक्ष समय-समय पर इस समस्या को लेकर तंज कसता रहता है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी अपने क्षेत्र में इस बाबत किसानों की सुनना पड़ता है। अगले साल लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा न बने, इसमें योगी सरकार के यह कदम मददगार बनेंगे।
कपिल देव सिंह (यूपी)