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तारीख पे तारीख______ तारीख पे तारीख ! फिर भी न्यायालय पर आज भी है भरोसा

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मथुरा I  जनपद के न्यायालय में लम्बे समय से अपने पति से दहेज एवं भरण पोषण का मुकदमा लड़ रही आशा शर्मा पत्नी राजवीर पाराशर आखिर सिस्टम की हीला हवाली एवं न्यायालय में चले मुकदमे पर तारीख पर तारीख पढ़ती रही परंतु आशा शर्मा को नहीं मिला न्याय इसके चलते वादिया आशा शर्मा अपनी दो पुत्रियों के साथ न्याय लेने के लिए पुरजोर लगा रही हैं I

वादिया आशा शर्मा को शायद ही कोई फिल्म दामिनी के (गोविंद )सनी दयोल जैसा अधिवक्ता मिल जाए तो न्याय भी मिल जाएगा परंतु फिल्म दामिनी में चड्ढा जो अधिवक्ता था I वह फैमिली मेंबर नहीं था वह केवल अधिवक्ता था परंतु यहां तो वादिया आशा शर्मा का पति खुद ही अधिवक्ता है I इसका नतीजा यह हुआ कि वादिया आशा शर्मा और उसकी दो पुत्रियों को मथुरा न्यायालय से तारीख पे तारीख मिलती रही पर नहीं मिला न्याय I

इसी क्रम में आगे कानूनी इस लड़ाई में वादिया आशा शर्मा उसकी दो पुत्रियों का अब केस कौन लड़ेगा I वादिया के पति के द्वारा बड़ी चालाकी से सबूतों के साथ छेड़छाड़ करते हुए और झूठे साक्ष्य देकर मथुरा न्यायालय को गुमराह करते हुए सूत्रों की माने तो यहां तक कि तलाक भी ले लिया है I इसी चलते निराश भी हो चुकी है. वादिया उसकी दो जवान बेटियां भी उसके साथ हैं I बताया जाता है कि वर्तमान में प्रशासनिक कार गुजारी एवं पुलिस की कथित लापरवाही अपने चरम पर है I

उपरोक्त महिला का पति जोकि शातिर व चालाक है I मथुरा न्यायालय की कानूनी प्रक्रिया से भली-भांति परिचित है एवं और फिल्म दामिनी में उस महिला का साथ उसके पति के द्वारा दिया गया था परंतु यहां पर तो स्थिति ही कुछ अलग है I अब देखना होगा वादिया आशा शर्मा व उसकी दोनों पुत्रियों का साथ कौन देगा न्याय के लिए बताया जाता है I वादिया के पति राजवीर पाराशर अधिवक्ता के बारे में पता चला है कि उसने आशा शर्मा से चल रहे मुकदमे के दौरान न्यायालय को गुमराह कर छदम तरीके से दूसरी शादी कर ली और उसकी पहचान तक मिटा दी है I

जिस महिला से शादी की है I उस महिला के पति के नाम पर अपने भाई ब्रजेश को नाम लिखवा दिया है. जबकि थाना बलदेव क्षेत्र के गाँव अबैरनी में रहने वाले ब्रजेश की गांव में अंजली नामक पत्नी है I न्यायालय में उक्त मामले की अनेकों बार शिकायत भी की मगर वादिया को मिली तो तारीख पर तारीख वादिया के बार बार कहने पर भी अधिवक्ता पति राजवीर पाराशर के रसूख व पहचान के चलते हुए झूठे साक्ष्यों को भी वरीयता दी गई I

मथुरा न्यायालय के कर्मचारियों ने इस मामले में कोई संज्ञान नही लिया I इसी के चलते और वादिया को न्याय नहीं मिला मिली तो तारीख पर तारीख I अत: उपरोक्त मुकद्दमों में मथुरा जनपद न्यायाधीश न्याय के लिए वादिया आशा शर्मा उनकी दोनों पुत्रियों के उपरोक्त मुकदमों पर पुन: सुनवाई के लिए आदेश करेंगे तथा वादिया के पति राजवीर पाराशर अधिवक्ता के झूठे साक्ष्यों पर गहनता से जांच कराकर दूध का दूध पानी का पानी करते हुए वादिया को न्याय देंगे I क्या उपरोक्त मामले में न्यायालय से वादिया आशा शर्मा एवं उसकी दोनों पुत्रियाँ मिल सकेगा न्याय ।

वी पी एस खुराना (स्वतंत्र पत्रकार)

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