Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

घर परिवार हो स्वर्ग सा प्यारा,सबसे न्यारा…..

1 min read
Spread the love

 

परिवार ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो एक ही छत के नीचे रहते है । वह रक्त से संबंधित होते है और स्थान, स्वार्थ और पारस्परिक आदान-प्रदान के आधार पर एक किस्म की चेतनता का अनुभव करते है। प्रेम घर में आनन्द हैं । सुख व शान्ति हैं । संजीवनी बुटी हैं । स्वर्ग का द्वार हैं । पर यह मार्ग बड़ा कठिन हैं ।ढाईं अक्षर प्रेम का पंथ घर में तथा उस पर चलना नहीं किसी भी परिवार का इतना आसान है। आदर्श परिवार वह है जहाँ सब मिल-जुल कर सामंजस्यपूर्वक रहते है । यह तभी संभव है जब सभी सदस्य त्याग कर अपने निजी स्वार्थों को पूरी करें यथाशक्य
सह सदस्यों की उचित जरूरतों को। जहां हो परस्पर प्रेम, आपसी एतबार, बुजुर्गों के प्रति सेवा- संस्कार। हो पालन, पारिवारिक आचार, प्यार व अपनत्व से रहें मिलजुल कर तभी संसार में कहलाए खुशहाल परिवार । परिवार मानव समाज की एक मौलिक एवं आधारभूत इकाई रही है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है लेकिन सबसे पहले वह पारिवारिक प्राणी है । क्योंकि वह परिवार में ही जन्म लेता है और परिवार के द्वारा धीरे-धीरे सामाजिकता को विकसित करता है। व्यक्ति की जीवन-संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने एवं उसे सामाजिक प्राणी बनाने का महत्त्वपूर्ण काम परिवार का है इसलिए परिवार किसी के ऊपर जबरदस्ती लादने वाली वस्तु नहीं है अपितु इसका जन्म मानव की जीवन-संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के अनिवार्य साधन के रूप में स्वयं कर्मों से हुआ है। वस्तुतः परिवार छोटे रूप में समाज और व्यक्ति के समाजीकरण का महत्त्वपूर्ण साधन है। सादा जीवन उच्च विचारों के साथ घर में सभी सदस्यों में मितभाषिता, विनयशीलता जैसे गुण तो अपेक्षित हैं ही। आवेश, क्रोध आदि जैसे दुर्भावों से भी हमारी दूरी बनी रहे । इस तरह का हो घर परिवार हमारा जो स्वर्ग सा प्यारा सबसे न्यारा कहलाये ।
ओम् अर्हम सा !

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ , राजस्थान)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »