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Precious Relationship : भाई-बहन का अनमोल रिश्ता: बहन ने किडनी देकर भाई को दी नई जिंदगी

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विशेष रिपोर्ट – रवि नाथ दीक्षित

प्रतापगढ़, उप्र।

बदलते दौर में जहां अक्सर रिश्तों की गर्माहट और परिवारिक जुड़ाव कम होते जा रहे हैं, वहीं भाई-बहन का रिश्ता एक ऐसा अनूठा उदाहरण है जो हर परिस्थिति में सच्चे प्रेम और त्याग की मिसाल पेश करता है। ऐसा ही एक अद्भुत और भावुक कर देने वाला उदाहरण प्रतापगढ़ जिले के गड़वारा नगर पंचायत क्षेत्र में देखने को मिला है। यहां एक बहन ने अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी।

इस महान त्याग और प्रेम ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे समाज को सच्चे रिश्तों का संदेश दिया है।दो साल से बीमारी से जूझ रहे थे प्रवीण सिंहजानकारी के अनुसार बनारस के हसनपुर निवासी प्रवीण सिंह पिछले दो वर्षों से गंभीर किडनी की समस्या से जूझ रहे थे। उनका इलाज लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में चल रहा था।

डॉक्टरों ने बताया कि उनकी एक किडनी पूरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है और शारीरिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। ऐसे में उनकी जिंदगी बचाने का एकमात्र उपाय किडनी प्रत्यारोपण था। किडनी डोनर की तलाश में परिवार ने तमाम कोशिशें कीं। रिश्तेदारों और परिचितों से बार-बार अपील की गई, लेकिन किसी ने भी इस जोखिम भरे निर्णय के लिए कदम आगे नहीं बढ़ाया।

ऐसे समय में जब उम्मीद की किरण धुंधली पड़ चुकी थी, तभी एक ऐसा निर्णय लिया गया जिसने इंसानियत और पारिवारिक रिश्तों की गहराई को फिर से उजागर कर दिया।आगे आईं बड़ी बहन अर्चना सिंहप्रवीण सिंह की बड़ी बहन अर्चना सिंह, जिनका विवाह प्रतापगढ़ जिले की नगर पंचायत गड़वारा के राजापुर कला वार्ड निवासी अजय कुमार सिंह के साथ हुआ है, अपने भाई के दर्द को और अधिक सहन नहीं कर सकीं।

भाई की बिगड़ती हालत ने बहन का मन विचलित कर दिया। उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया और स्वयं अपनी किडनी देने का प्रस्ताव रखा।यह कोई साधारण निर्णय नहीं था। किडनी डोनेट करना जोखिमों से भरा कदम है, जिसमें न केवल सर्जरी की जटिलता शामिल होती है, बल्कि व्यक्ति के भविष्य के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।

लेकिन अर्चना सिंह ने सभी आशंकाओं को दरकिनार कर अपने भाई की जिंदगी को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह साबित कर दिया कि भाई-बहन का रिश्ता केवल राखी और उपहार तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवनदान तक पहुंच सकता है।

सफल ट्रांसप्लांट ने दी नई उम्मीदलखनऊ के पीजीआई में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने अर्चना सिंह की जांच कराई और पाया कि उनकी किडनी प्रत्यारोपण के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। लंबे परीक्षण और प्रक्रिया के बाद सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के उपरांत डॉक्टरों ने बताया कि प्रवीण सिंह का स्वास्थ्य लगातार सुधर रहा है और वे जल्द ही सामान्य जीवन जी पाएंगे।

डॉक्टरों ने यह भी कहा कि बहन का यह कदम समाज में त्याग और सेवा का अनुपम उदाहरण है। इस प्रकार का निर्णय हर किसी के लिए आसान नहीं होता, लेकिन जब कोई इंसान अपने प्रियजन के जीवन को लेकर इतना गंभीर हो, तो वह किसी भी हद तक जा सकता है।परिवार और समाज में खुशी की लहरअर्चना सिंह के इस महान कार्य ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है।

गड़वारा नगर पंचायत के सभासद देवब्रत सिंह के चाचा अजय कुमार सिंह की धर्मपत्नी होने के नाते, अर्चना के इस बलिदान और साहस को पूरे क्षेत्र ने सराहा है। गांव से लेकर जिले तक लोग इस घटना को भाई-बहन के रिश्ते की नई परिभाषा मान रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे उदाहरण विरले ही देखने को मिलते हैं। जहां आजकल आधुनिक जीवनशैली और व्यस्तताओं ने पारिवारिक रिश्तों की गर्मजोशी को कम कर दिया है, वहीं अर्चना ने साबित कर दिया कि सच्चा रिश्ता समय और परिस्थितियों से कमजोर नहीं होता।

संदेश समाज के लिएअर्चना सिंह का यह कदम समाज के लिए एक बड़ा संदेश है। आज जब रिश्तों में स्वार्थ और दूरी की शिकायतें आम हैं, तब भाई के लिए बहन का ऐसा जोखिम उठाना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। यह महादान केवल एक भाई को नई जिंदगी देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने रिश्तों की अहमियत को हल्के में लेते हैं।

कई समाजशास्त्रियों का मानना है कि रिश्तों की सुरक्षा और मजबूती के लिए त्याग, धैर्य और संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। अर्चना का निर्णय यही दिखाता है कि भले ही आधुनिक जीवन में रिश्तों की परिभाषा बदलने लगी हो, मगर सच्चे रिश्ते हर बाधा को पार कर जाते हैं।डॉक्टरों का आभार और परिवार का संबलप्रवीण सिंह और उनका पूरा परिवार पीजीआई की डॉक्टरों की टीम का आभार प्रकट कर रहा है, जिन्होंने इस कठिन ऑपरेशन को सफलता के साथ पूरा किया।

डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद प्रवीण को बेहतर देखभाल और नियमित जांच की आवश्यकता होगी। अर्चना सिंह की भी टीम लगातार स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है और उनका स्वास्थ्य स्थिर है।परिवार का कहना है कि इस कठिन दौर में बहन ने जिस तरह अपना सब कुछ दांव पर लगाकर भाई को जीवनदान दिया, उसका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता।

यह त्याग हमेशा उनकी जीवन कहानी का सबसे अनमोल अध्याय रहेगा।निष्कर्षयह अद्भुत घटना केवल एक पारिवारिक किस्सा नहीं, बल्कि उस रिश्ते का सजीव प्रमाण है जिसे समाज ने हमेशा पवित्र माना है।

प्रतापगढ़ की अर्चना सिंह ने यह साबित कर दिया कि भाई-बहन का रिश्ता सचमुच जीवन और मृत्यु के पार तक जुड़ा हुआ है।भाई की जिंदगी बचाने के लिए किडनी दान करने जैसा महान साहस दिखाकर उन्होंने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज के सामने रिश्तों की मर्यादा और असली मायने रख दिए। यह त्याग और प्रेम की ऐसी मिसाल है जिसकी गूंज लंबे समय तक लोगों के दिलों में सुनाई देती रहेगी।

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