Developed UP : “विकसित यूपी @2047” : कृषि को मिलेगा नया स्वरूप
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विशेष रिपोर्ट – रवि नाथ दीक्षित
लखनऊ, उप्र ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक “विकसित यूपी” के रूप में आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। इस विजन का सबसे महत्वपूर्ण आधार कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन है। उनका मानना है कि खेती और उद्योग का बेहतर समन्वय ही उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में विकसित भारत का मजबूत इंजन बनाएगा।
2030 और 2047 का रोडमैप
राज्य सरकार ने स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया है कि 2030 तक यूपी फसल उत्पादन क्षमता में पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल करेगा। इसके बाद 2047 तक प्रदेश को मैक्सिको, फ्रांस, अमेरिका और चीन जैसे अग्रणी कृषि देशों की कतार में लाने का प्रयास होगा।
निर्यात के क्षेत्र में भी महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है। 2030 तक यूपी को भारत का सबसे बड़ा कृषि निर्यातक राज्य बनाने का लक्ष्य है, वहीं 2047 तक इसे रूस, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे वैश्विक निर्यात हब के समकक्ष खड़ा करना है।
प्रमुख क्षेत्र जिन पर ध्यान
इस विजन को ज़मीन पर उतारने के लिए कुछ खास क्षेत्रों पर प्राथमिकता तय की गई है—
आधुनिक भंडारण और वैल्यू एडिशन सिस्टम
फूड प्रोसेसिंग यूनिट, मेगा फूड पार्क और कोल्ड चेन नेटवर्क
एफपीओ और पीएसीएस को सशक्त बनाना
कृषि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का विस्तार
सतत कृषि एवं फसल विविधता पर बल
नई वैज्ञानिक तकनीकों का समग्र उपयोग
बीते साढ़े आठ वर्षों में बदलाव
2017 से पहले प्रदेश की कृषि व्यवस्था कई चुनौतियों से घिरी हुई थी। किसानों को अपनी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल पाता था, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल सीमित था और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं लगभग नदारद थीं।
योगी सरकार ने बीते साढ़े आठ सालों में इन कमियों को दूर करने पर फोकस किया। किसानों को नई तकनीक से जोड़ा गया, मंडी व्यवस्था को और मजबूत बनाया गया, स्टोरेज क्षमता बढ़ाई गई और एफपीओ को बढ़ावा दिया गया। नतीजतन, प्रदेश ने उत्पादन और फसल विविधीकरण दोनों ही क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं।
किसानों और विशेषज्ञों की राय
एक उन्नत किसान ने बताया— “पहले फसल का सुरक्षित भंडारण और सही दाम पर बिक्री करना बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब बेहतर मंडी और स्टोरेज सुविधाओं से हमें फायदा हो रहा है।”
कृषि विशेषज्ञों का कहना है— “यदि तकनीक का प्रसार और फसल विविधीकरण की यह गति बनी रही तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से अपनी जगह बना लेगा।”
एक युवा एग्री-उद्यमी ने कहा— “मेगा फूड पार्क और एफपीओ मॉडल से गांवों के युवाओं को नए रोजगार और कारोबार के अवसर मिल रहे हैं। यह बदलाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदल देगा।”

