भारत-नेपाल नो मेंस लैंड क्षेत्र में बेलगाम हुई सामानों की तस्करी
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महराजगंज । जिले के सीमावर्ती क्षेत्र नौतनवा , सोनौली थाना क्षेत्र के शेष फरेंदा गांव से आराजी सरकार उर्फ बैरियहवा गांव के सुंडी व टोला तक के करीब 10 किलोमीटर लंबे नो मेंस लैंड क्षेत्र से तस्करी बेलगाम हो गई है। यहां के दर्जन भर अधिक पगडंडी रास्तों से गेहूं, चावल, धान, चीनी उर्वरक व कपड़ों आदि की खेप नेपाल भेजी जा रही है। इस क्षेत्र के नोमेंस लैंड की निगरानी एसएसबी की 66वीं बटालियन की है। शेष फरेंदा गांव से सुंडी के आधे गांव का करीब आठ किलोमीटर दूरी का भारत-नेपाल का सीमाई इलाका सोनौली कोतवाली क्षेत्र के अंर्तगत आता है। इस दूरी के बीच पड़ने वाले केवटलिया सीमा , शेषफरेंदा गांव के पश्चिमी छोर की पगडंडी ,खनुआ गांव के पश्चिमी छोर के पगडंडी रास्ते, कैथवलिया उर्फ बरगदही गांव के मुर्गा फार्म का रास्ता, हरदी डाली का त्रिलोकपुर घाट , हरदी डाली के बड़का टोला के पश्चिम स्थित नोमेंस लैंड का छिपा रास्ता , हरदी डाली का मुर्दहिया घाट व दक्षिण डाली की पगडंडी से भारी पैमाने पर तस्करी हो रही है। यहां पुलिस व एसएसबी के गश्त के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। सुंडी , नौसडिया टोला व आराजी सरकार बैरियहवा के चार पगडंडी रास्तों पर भी तस्करी निर्वाद रूप से जारी है। बीते दिनों इक्का दुक्का छोटी तस्करी की बरामदगी कर एसएसबी अपनी पीठ तो थपथपा लेती है। लेकिन इन दिनों दिन के उजाले में ही हो रही तस्करी ने एसएसबी ,पुलिस व कस्टम के कार्य प्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है। द्वितीय सेनानायक वरुण कुमार सिंह का कहना है कि खुलेआम तस्करी होना गंभीर बात है। सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात जवानों को तस्करी पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए गए हैं ।