बाघा जतिन के जन्मोत्सव पर संगोष्ठी का आयोजन
1 min readसुल्तानपुर I
कमला नेहरू भैतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान सुलतानपुर के वनस्पति एवं जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित ” आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला के अर्न्तगत आज बाघा जतिन जन्म दिवस के उपलक्ष्य में छात्र व छात्राओ द्वारा व्याख्यान व पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । व्याख्यान ” जतीन्द्र नाथ मुखर्जी ( बाघा जतिन ) का जीवन परिचय और स्वाधीनता संग्राम में उनका योगदान ” पर आधारित था।
छात्रों नें बताया कि बाघा जतीन ब्रिटिश शासन के विरूद्ध एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और दार्शनिक क्रांतिकारी थें । 27 वर्ष की आयु में उन्होने बाघ को मार गिराया था जिसके बाद वे बाघा जतिन के नाम से विख्यात हो गये थें । अन्त में विभागाध्यक्ष डॉ मीनाक्षी पाण्डेय अपने समापन प्रस्तुति में यह बताया कि बाघा जतिन जुगांतर पार्टी के एक प्रमुख नेता थे । इन्होने अपने जीवन काल मे सिस्टर निवेदिता, स्वामी विवेकानन्द और श्री अरबिंदो जैसी महान विभूतियों के साथ भी कार्य किया ।अंग्रेजों के विरूद्ध संघर्ष में ये गंभीर रूप से घायल हुए और इनका निधन हो गया । इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य प्रो ० आलोक सिंह , विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रो ० मीनाक्षी पाण्डेय डॉ ० सन्तोष शुक्ला , डॉ ० ओवैद अख्तर , डॉ ० मनोज कुमार , जन्तु विज्ञान विभाग की डॉ ० अर्चना यादव , व रोहित वर्मा और अन्य कर्मचारियो ने सहयोग किया ।
वहीं संस्थान के हिन्दी विभाग के द्वारा बुद्धवार को काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राधेश्याम सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. राधेश्याम सिंह ने छात्रों को कविता के बारे में बताते हुए कहा कि कविता मन की बात सहज रूप में प्रस्तुत करती है। कविता मनुष्य को आत्मिक शांति और समाज को नयी दृष्टि देती है। प्रोफ़ेसर प्रतिमा सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए काव्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कविता मनुष्य को स्वार्थ संबंधों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती हैं। काव्य का कार्य सिद्ध चित को अलौकिक आनन्दानुभूति कराना है जिससे ह्रदय के तार झंकृत हो उठते हैं। विभागीय सहयोगी डा० पवन कुमार रावत ने भी छात्रों को संबोधित किया। तत्पश्चात इस अवसर पर छात्रों ने समसामयिक विषयों पर काव्य पाठ करके वैचारिक नवोन्मेष की स्थापना को रेखांकित किया और अपने प्रतिभा का रंग बिखेरा।
कार्यक्रम में स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर सभी छात्रों ने प्रतिभाग करके कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान किया। इस अवसर पर डा. प्रिया श्रीवास्तव एवं दीपिका आदि उपस्थित रहे।