लाभकारी है मुर्गीपालन व्यवसाय
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आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, कठौरा द्वारा 02 से 03 दिसंबर के बीच राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत मुर्गी पालन द्वारा आय संवर्धन विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। शुक्रवार को प्रशिक्षण के प्रथम दिन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ आर के आनंद ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बताया कि कम जोत वाले किसानों के लिए मुर्गी पालन कम लागत का एक लाभकारी कृषि आधारित व्यवसाय है जिससे किसान अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ सुरेंद्र सिंह ने मुर्गी पालन की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि ठंड के समय मुर्गियों को ठंडी से बचाने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए इसलिए मुर्गी घर का तापमान मुर्गी की उम्र के अनुसार नियंत्रित करें। जब चूजे डाले जाये तब तापमान लगभग 95 डिग्री फॉरेनहाइट रखें उसके बाद प्रति सप्ताह 5 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान कम करें। मुर्गियां बल्ब के आसपास बैठें तो समझें कि मुर्गी घर का तापमान कम है और यदि मुर्गिया पूरे घर मे बिखर कर बैठी हो तो समझें कि तापमान अनुकूल है इसी आधार पर मुर्गी घर का तापमान नियंत्रित करें। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ ओ पी सिंह ने बताया कि मुर्गी घर का तापमान नियंत्रित करने के लिए जाली के ऊपर पर्दा अवश्य लगाएं जिससे ठंडी हवा मुर्गी घर के अंदर ना आ सके । केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सत्येंद्र कुमार ने कड़कनाथ मुर्गी की नस्ल एवं उसके पालने की वैज्ञानिक विधि के बारे में बताया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर भास्कर प्रताप सिंह ने बताया कि मुर्गी फार्म बनाने के लिए ऊंचे स्थान का चयन करें। मुर्गी घर में वायु के बेहतर संचार एवं रोशनी हेतु मुर्गी घर को पूरब पश्चिम दिशा में बनाये तथा जाली लगा कर वायु का संचार रखें। प्रशिक्षण में क्षेत्र के मोहम्मद लतीफ, शिवकुमार, चंद्रिका प्रसाद, दिनेश कुमार, अब्दुल हमीद, तैयब अली समेत 50 कृषक मौजूद थे I