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आलाधिकारी के आदेशों को ताक पर रखकर हो रही जांच !

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अमेठी जिले में जांच के नाम पर धन उगाही का धंधा जोरों पर चल रहा है I तभी पिछले महीने पूर्व सीडीओ के आदेशों को दरकिनार कर अभी तक 12 ब्लॉक के दो सौ से अधिक ग्राम पंचायतों का जांच की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी एवं वित्त लेखाधिकारी डी‌आईओएस कार्यालय द्वारा अभी तक जांच समाप्त नहीं किया गया। सितंबर माह का वेतन जिला विकास अधिकारी एवं वित्त लेखाधिकारी का रोकने का आदेश पूर्व सीडीओ अंकुर लाठर दे चुकी है कि यदि एक सप्ताह में अमेठी, गौरीगंज, तिलोई, सिंहपुर, जामो, मुसाफिरखाना, शाहगढ़, भेंटुआ सहित 12 ब्लाको की ग्राम पंचायतों में सरकारी धन का बंदर- बांट किए जाने की शिकायत सुरजीत यादव द्वारा किया गया I जिसकी जांच अभी तक जांच कमेटी नहीं खत्म कर पायी। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे का कारण जांच के नाम पर धन उगाही बड़ा कारण है। एक बात और सामने आ रही कि जिले के ग्राम पंचायतों में तैनात सचिव जहां सरकारी धन बर्बाद कर रहे हैं वहीं जिले के आला अफसर मीडिया के सामने कुछ बोलने को तैयार तक नहीं हैं। जबकि शिकायतकर्ता द्वारा ग्राम पंचायतों में सचिव द्वारा किए गए हेराफेरी की शिकायत साक्ष्यों सहित जिला अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं शासन स्तर पर बंडल के बंडल अनुस्मारक तक भेजे गए हैं। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता का कहना है कि उनके द्वारा डीएम साहब के सीओजी मोबाइल पर भी सैकड़ों पन्ने का शिकायत पत्र भेजे गए, अनुस्मारक भी भेजा गया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जांच के नाम पर मात्र धन उगाही का धंधा फल फूल रहा है। वहीं शिकायतकर्ता सुरजीत यादव मुख्यमंत्री आवास पर अनशन करने की चेतावनी भी दे रहें हैं। 17 जुलाई से लगातार सुरजीत यादव के एक हजार पन्ने वाली अलग- अलग चार शिकायतों पर मुख्य विकास अधिकारी ने दो अफसरों की जांच कमेटी बनाई है। इसके मद्देनजर नामित अफसर मात्र एक दर्जन ही ग्राम पंचायतों की जांच कर पाए हैं। जिनको नोटिस जारी कर चुके हैं। लेकिन दोषी पंचायत सचिवों को बचाने का सारा खेल जिला विकास अधिकारी एवं डीपीआरओ द्वारा किया जा रहा है।

सुरजीत यादव ने बताया कि 12 ब्लाकों की करीब 2 सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में सरकारी धन की हेरा-फेरी की शिकायत किया गया है, शेष ग्राम पंचायतों का शिकायत पत्र भेजना अभी बाकी है। इस हेरा-फेरी में कंप्यूटर आपरेटर, ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी, और प्रधानों के करीबियों के निजी खातों में सरकारी धन भेजकर हड़प लिए गए हैं, जिससे पंचायतीराज विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लग चुका है। सरकारी धन हड़पने का ये खेल दो साल से चल रहा है। लेकिन जिम्मेदार अफसर आंख बंद करके जेब भरने में जुटे हैं।

ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों की सूची में हैंडपंप रिबोर और मरम्मत, सोखता गड्ढा, नाली निर्माण,शव दफन, सार्वजनिक शौचालय, गौशाला,आफिस काम, बैलेंस पेमेंट, पंचायत भवन, प्राथमिक विद्यालय का सुंदरीकरण,बूथ कार्य,सोलर फिटिंग, दरवाजा, खिड़की, बाउंड्री वाल, स्ट्रीट लाइट, अंत्येष्टि स्थल, इंटर लाकिंग, प्राशसनिक मद, मिट्टी खुदाई मजदूरी कार्य आदि के नाम पर निजी खातों में सरकारी धन भेजकर हड़प लिए हैं।

स्वराज पोर्टल के आंकड़ों में ग्राम पंचायतों का नाम, निजी खातेदारों का नाम, धनराशि, दिन, दिनांक और मद तक का आंकड़ा दर्ज है। इससे सरकारी धन देने और लेने दोनों की पोल खुल गई है। पहले अमेठी ब्लाक में अवैध रूप से तैनात कंप्यूटर आपरेटर प्रमोद कुमार, आपरेटर आदित्य गुप्ता, हेमंत पांडेय, राम अधीन, रामकुमार वर्मा आदि द्वारा करोड़ों रुपए का सभी ग्राम पंचायतों के निजी खातों में सरकारी धन भेजकर हड़प लिए हैं।

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