उज्जैन के कण-कण में बसा है अध्यात्म -पीएम मोदी
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उज्जैन, मध्यप्रदेश I
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास नवनिर्मित महाकाल लोक का लोकार्पण किया।प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में 856 करोड़ रुपये की लागत से तैयार महाकालेश्वर मंदिर कारिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने महाकाल के गर्भ गृह में पहुंच कर पूजा-अर्चना की और बैठ कर जाप किया I बाहर निकलने के बाद नंदी के पास बैठ कर प्रार्थना की I
इसके उपरांत कार्तिक मेला ग्राउंड में प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा का संबोधन हर-हर महादेव और जय श्री महाकाल के साथ किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उज्जैन के कण-कण में अध्यात्म है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में 856 करोड़ रुपये की लागत से तैयार महाकालेश्वर मंदिर कारिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का लोकार्पण किया। श्री महाकाल लोक के लोकार्पण की गूंज विदेशों में भी सुनाई दे रही है I उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। इसी कार्यक्रम में गायक कैलाश खेर ने महाकाल गान की प्रस्तुति दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, भारत के लिए धर्म का अर्थ है हमारे कर्तव्यों का सामूहिक संकल्प। हमारे संकल्पों का ध्येय है विश्व का कल्याण। मानव मात्र की सेवा। भगवान शिव की विविध प्रकार से शास्त्रोक्त व्याख्या पर जनसमुदाय ने तालियां बजाकर कई बार प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहा- हमारी आस्था के केंद्र जागृत है। अतीत हमने देखा है। प्रयास हुए, सत्ताएं बदली, भारत का शोषण भी हुआ, आजादी भी गई। प्रधानमंत्री ने कहा, आक्रमणकारियों ने उज्जैन की उर्जा को कलुषित करने का प्रयास भी किया। लेकिन हमारे ऋषियों ने कहा महाकाल शिव की शरण में मृत्यु भी हमारा क्या करेगी। इसलिए यह नगरी अपनी आस्था के केंद्र अपनी उर्जा से फिर जीवंत हो उठा। हमने फिर काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का लेख लिख दिया। उज्जैन जो हजारों वर्षों से भारतीय काल गणना का केंद्र बिंदु रहा है वो आज एक बार फिर भारत की भव्यता के एक नए कालखंड का उद्घोष कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, भारत के लिए धर्म का अर्थ है हमारे कर्तव्यों का सामूहिक संकल्प। हमारे संकल्पों का ध्येय है विश्व का कल्याण। मानव मात्र की सेवा। भगवान शिव की विविध प्रकार से शास्त्रोक्त व्याख्या पर जनसमुदाय ने तालियां बजाकर कई बार प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहा- हमारी आस्था के केंद्र जागृत है। अतीत हमने देखा है। प्रयास हुए, सत्ताएं बदली, भारत का शोषण भी हुआ, आजादी भी गई। प्रधानमंत्री ने कहा, आक्रमणकारियों ने उज्जैन की उर्जा को कलुषित करने का प्रयास भी किया। लेकिन हमारे ऋषियों ने कहा महाकाल शिव की शरण में मृत्यु भी हमारा क्या करेगी। इसलिए यह नगरी अपनी आस्था के केंद्र अपनी उर्जा से फिर जीवंत हो उठा। हमने फिर काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का लेख लिख दिया। उज्जैन जो हजारों वर्षों से भारतीय काल गणना का केंद्र बिंदु रहा है वो आज एक बार फिर भारत की भव्यता के एक नए कालखंड का उद्घोष कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी। उन्होंने कहा कि भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी।
पीएम मोदी ने कहा, उज्जैन के क्षण-क्षण में इतिहास सिमटा हुआ है, कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ज्योतिषीय गणनाओं में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है बल्कि ये भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में हैं। इस अवसर पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित रहे I