MAHAKUMBH -2025 : मौनी अमावस्या पर करीब 08 करोड़ लोगों ने लगाई संगम में डुबकी, पहले भी हुई थी महाकुम्भ में भगदड़ !
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REPORT BY NEWS DESK
KUMBH NAGAR, PRAYAGRAJ।
प्रयागराज’ में आज ‘मौनी अमावस्या’ के शुभ अवसर पर 7.64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु ‘पवित्र अमृत स्नान’ एवं अब तक 27.58 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में तीन पीठों के शंकराचार्य ने संगम में डुबकी लगाई है। जबकि अखाड़ों का शाही स्नान भगदड़ होने की घटना के कारण स्थगित हो गया है। अखाड़ों के साधु संत छोटे छोटे ग्रुप में निकल कर संगम में स्नान किया।
महाकुंभ में तीन पीठों के शंकराचार्य ने मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाई। इस अवसर पर तीनों शंकराचार्यों ने सभी के कल्याण की कामना की। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर हुए हादसे पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृति न ऐसे प्रयास होने चाहिए।
प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार मौनी अमावस्या पर द्वारका के शंकराचार्य स्वामी सदानंद, श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य विदुशेखर भारती और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने संगम में एक साथ डुबकी लगाई है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि रात में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सभी दुखी हैं। लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में मंगल वार की रात हुए हादसे के विषय में जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है।
मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है।
मेलाधिकारी ने बताया हादसे का कारण
बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया।
वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा
29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।
प्रयागराज बॉर्डर सील, 2.5 लाख वाहन हाईवे पर रुके
महाकुंभ 2025 की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। प्रयागराज से सटे 8 जिलों के बॉर्डर सील, वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।हाईवे पर 2.5 लाख से ज्यादा वाहन फंसे, यातायात ठप हो गया है।प्रशासन ने अफवाहों से बचने और सहयोग करने की अपील की।मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
महाकुम्भ में भगदड़ की घटना का इतिहास
महाकुंभ मेले में भगदड़ एक गंभीर और दुखद घटना होती है, जो आमतौर पर भारी भीड़, अव्यवस्थित प्रबंधन, संकरी जगहों पर अत्यधिक दबाव और अफवाहों के कारण होती है। इतिहास में कई बार महाकुंभ और अर्धकुंभ मेलों में भगदड़ की घटनाएँ हुई हैं, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हुए।
प्रमुख भगदड़ की घटनाएँ-
1954 का प्रयागराज (इलाहाबाद) महाकुंभ
यह अब तक की सबसे भयानक भगदड़ थी।
लगभग 800 लोगों की मृत्यु हुई थी।
इस घटना का मुख्य कारण भीड़ का अनियंत्रित होना और सुरक्षा व्यवस्था की कमी थी।
2003 का नासिक कुंभ
रामकुंड में स्नान के दौरान भगदड़ मची।
इसमें लगभग 39 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
अधिकतर मौतें दम घुटने और भीड़ के दबाव में कुचलने से हुईं।
2013 का प्रयागराज (इलाहाबाद) महाकुंभ
इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण पुल पर भगदड़ मची।
36 लोगों की मौत हुई और 30 से अधिक घायल हुए।
घटना के पीछे ओवरब्रिज पर भीड़ का अनियंत्रित जमावड़ा मुख्य कारण था।
क्या होते हैं भगदड़ के मुख्य कारण –
भारी संख्या में श्रद्धालुओं का एक साथ पहुंचना।
अव्यवस्थित भीड़ नियंत्रण।
पुलिस और प्रशासन की ओर से सही प्लानिंग न होना।
अफवाहें फैलना, जिससे घबराहट बढ़ जाती है।
संकरी गलियों और पुलों पर अचानक भीड़ बढ़ जाना।
भगदड़ रोकने के उपाय-
भीड़ प्रबंधन के लिए उचित बैरिकेडिंग और मार्गनिर्देशन।
CCTV कैमरों और ड्रोन से निगरानी।
पुलिस और स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाना।
लोगों को जागरूक करना कि वे धैर्य बनाए रखें और अफवाहों पर विश्वास न करें। महाकुंभ एक भव्य धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। उचित प्रबंधन और सतर्कता से भगदड़ जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
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