पूर्व मंत्री पर आई एक नई मुसीबत !
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लखनऊ I
सुल्तानपुर जिले में एक पुराने केस को लेकर कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ मामला संज्ञान में ले लिया है I परेशानियों से घिरे आजम खान के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है I हाल मेंं ही कई केसों में उन्हेंं जमानत मिली हुई है I एक मुहावरा है कि सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना वाला हाल खान साहब का हो गया है I खान साहब की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं I यह मुसीबत 8 साल पहले उनके दिए गए विवादित बयान के कारण आई है I जिस में सुल्तानपुर के दीवानी न्यायालय में ADJ पंचम की अदालत में आज तालिबानी संगठन फंड से जुड़ा विवादित बयान देने के मामले में सुनवाई हुई है I करीब आठ साल बाद पूर्व मंत्री आजम खां फिर चर्चा में आ गये हैं, इस मामले में आज उनकी तरफ से नियुक्त अधिवक्ता कोर्ट में पेश हुए I जज अगस्त कुमार तिवारी ने मामले में जवाब/आपत्ति दाखिल करने के लिए अगली डेट 28 अक्टूबर की लगाई है, जिस में आजम खां का पक्ष लिखित रूप में जवाब देगा I जौहर विश्वविद्यालय-रामपुर में मुलायम सिंह यादव के जन्मोत्सव पर भव्य आयोजन किया था I आरोप के मुताबिक मीडिया कर्मियों के जरिए खर्च का ब्यौरा पूछने पर तालिबानी संगठन फंड से अनुदान मिलने का विवादित बयान दिया था I 22 नवम्बर 2014 को यह विवादित बयान प्रकाशित हुआ था I अखबारों में प्रकाशित पूर्व नगर विकास मंत्री आजम खान का विवादित बयान पढ़ने के बाद क्षुब्ध होकर ज्ञानेंद्र तिवारी ने परिवाद दायर किया था I इस बयान को देश समाज के लिए घातक बताया था और आजम खां को कोर्ट में तलब कर दंडित किए जाने की मांग की थी I परिवादी ज्ञानेंद्र तिवारी का बयान दर्ज होने के बाद अन्य साथियों के बयान पत्रावली में दर्ज हो रहे थे I तारीख पर पैरवी न होने की वजह से तत्कालीन एसीजेएम-पंचम की अदालत ने चार जनवरी 2016 को परिवाद निरस्त कर दिया था I
परिवाद खारिज होने के करीब 6 वर्ष बाद परिवादी ज्ञानेंद्र ने अदालत के जरिए निवेश करने संबंधी आदेश को जिला जज की अदालत में निगरानी दायर कर चुनौती दी थी I पूर्व अधिवक्ता के सही सूचना ना देने की बात कहकर निगरानी पेश करने में देरी का आधार बनाया है जिला जज की कोर्ट से पत्रावली ट्रांसफर होकर एडीजे पंचम के यहां सुनवाई चल रही है परवादी ज्ञानेंद्र ने अपने अधिवक्ता संतोष कुमार पांडे के माध्यम से शोषण कोर्ट में फौजदारी निगरानी दाखिल कर मजिस्ट्रेट कोर्ट आदेश को निरस्त कर अनुसार सुनवाई करने के संबंध में आदेश जारी किए जाने की मांग की है I आजम खान का पक्ष अधिवक्ता संदीप कुमार सिंह व रजनीश श्रीवास्तव रखेंगे I करीब 8 साल पहले दिए गए बयान से आजमगढ़ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं गंभीर मामलों में गिरे होने की वजह से आजम खां पहले ही मुसीबत में फंसे हुए हैं अब एक और नई आफत सामने आकर खड़ी हो गई है फिलहाल आजम खान के वक्ताओं का कहना है कि केस में कोई दम नहीं है, अब देखना है कोर्ट इस पर क्या निर्णय लेती है I