उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भारत को रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए तैयार
1 min readPRESENTED BY ASHISH AWASTHI
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अधीन वृहद् स्तर पर निवेश आकर्षित हो रहा है और रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में अग्रसर है। उत्तर प्रदेश की रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत दिए गए प्रतिस्पर्धी और आकर्षक प्रोत्साहन और आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के परिणामस्वरूप अब तक ₹24,510.60 करोड़ के प्रस्तावित निवेश और 41,667 के संभावित रोजगार सृजन के साथ 114 निवेश-आशय प्राप्त हुए हैं।
गौरतलब है कि आगामी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 3585.85 करोड़ रुपये की 34 निवेश परियोजनाएं शामिल होने के लिए तैयार हैं। ये परियोजनाएँ रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़, झाँसी, कानपुर और लखनऊ नोड्स में स्थापित की जा रही हैं और 8,530 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।
जिन प्रमुख कंपनियों ने रक्षा औद्योगिक गलियारे में निवेश का प्रस्ताव दिया है उनमें लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस और एरियोलॉय टेक्नोलॉजीज; भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड, टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, ग्लोबल इंजीनियर्स लिमिटेड और डब्ल्यूबी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड झांसी में; कानपुर में अदानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, अनंत टेक्नोलॉजीज और जेनसर एयरोस्पेस; अलीगढ़ में एंकर रिसर्च लैब्स एलएलपी और एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
इन निवेशकों ने या तो अपनी इकाइयां स्थापित कर ली हैं या अपनी परियोजनाओं को लागू करने की प्रक्रिया में हैं। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की घोषणा फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री जी द्वारा की गयी थी। राज्य सरकार द्वारा त्वरित गति से आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झाँसी, कानपुर और लखनऊ नोड्स में ग्रीनफील्ड भूमि पार्सल प्राप्त किए गए, जिससे चरण-1 में कुल 1645 हेक्टेयर भूमि बैंक तैयार हो चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल सृजित करते हुए डिफेंस कौरिडोर के सभी नोड्स में बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश कर रही है। आईआईटी कानपुर और आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी को अनुसंधान करने और महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास के अंतर की पूर्ति के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) के रूप में नामित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने निजी उद्योगों के साथ साझेदारी में अत्याधुनिक परीक्षण का अवस्थापना विकास के लिए ₹400 करोड़ के परिव्यय के साथ रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना शुरू की है। रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कानपुर और लखनऊ में तीन रक्षा परीक्षण सुविधाओं की स्थापना के लिए ₹117.06 करोड़ की अनुदान सहायता स्वीकृत की गई है।
यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में एमएसएमई और स्टार्ट-अप की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने और अनुकूलित ऋण प्रदान करने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग किया गया है। इस सेक्टर में निवेशकों की रुचि सरकार की स्वदेशीकरण नीति के अनुरूप है, जिसमें सकारात्मक सूची में 509 वस्तुओं और 4,666 लाइन-रिप्लेसेबल इकाइयों के निर्माण पर जोर दिया गया है, जिन्हें अनिवार्य रूप से भारत में निर्मित किया जाएगा, जो ₹1,75,000 करोड़ के कुल घरेलू व्यवसाय में विकसित हो जाएगा।
यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश को रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र में स्थापित कर रहा है, जो भारत के आत्मनिर्भरता के मिशन और आर्थिक विकास में योगदान दे रहा है। सहायक पारिस्थितिकी तंत्र सृजित करने तथा नवाचार को बढ़ावा देने की योगी सरकार की यह प्रतिबद्धता अग्रणी निवेशकों को आकर्षित कर रही है और कॉरिडोर की सफलता को बढ़ावा दे रही है।
जहां भारत गर्व से एक प्रमुख आयात-उन्मुख रक्षा क्षेत्र से एक दुर्जेय निर्यातक के रूप में परिवर्तित हो रहा है, उत्तर प्रदेश का डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रगति, नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में स्थापित हो रहा है।