Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर जलवायु खतरों का दुष्प्रभाव

1 min read

 

REPORT BY ASHISH AWASTHI

LUCKNOW NEWS ।

आईसीएलईआई साउथ एशिया और राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (एनआईयूए) द्वारा नई दिल्ली में हाल ही में आयोजित कार्यशाला में छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए हैं। इस कार्यशाला में लखनऊ, जहाँ विशेष अध्ययन किया गया, सहित 21 भारतीय शहरों में किए गए अध्ययन से जुड़े निष्कर्षों पर चर्चा की गई।

लखनऊ से संबंधित अध्ययन के निष्कर्षों से विशेष रूप से यह जानकारी सामने आई कि शहर के छोटे बच्चे और असुरक्षित आबादी विशिष्ट चुनौतियों का सामना कर रहे हैं । लखनऊ में सघन शहरीकरण, वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए पर्याप्त सार्वजनिक स्थानों तक सीमित पहुंच ने संयुक्त रूप से जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को बढ़ा दिया है ।ये कारक इन समूहों के बीच स्वास्थ्य और विकास संबंधी मुद्दों के बढ़ते खतरों का कारण बनते हैं।

पहला अध्ययन “छोटे बच्चे और जलवायु संबंधी अध्ययन (स्टडी ऑन यंग चिल्ड्रन एंड क्लाइमेट – एसवाईसीसी)” आईसीएलईआई साउथ एशिया द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर, आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी रूड़की के साथ मिलकर किया गया जो कि वैन लीयर फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित है।

आईसीएलईआई साउथ एशिया के कार्यकारी निदेशक इमानी कुमार ने कहा, “इस अध्ययन में जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण की महत्वपूर्ण चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। विशेष रूप से 0 से 5 वर्ष की आयु के छोटे बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों, जो मुख्यतः ईसीडी साइट्स के आसपास रहते हैं, पर इन चुनौतियों के प्रभाव का मूल्यांकन किया गया है।

दूसरा अध्ययन आईसीएलईआई साउथ एशिया और आईपीएसओएस रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है. यह अध्ययन भी वैन लीयर फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित है. इसमें 18 भारतीय शहरों में छोटे बच्चों, उनकी देखभाल करने वालों और गर्भवती महिलाओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों के उपयोग का विश्लेषण किया गया है ।

इसमें पारिवारिक सर्वेक्षणों और शहर के अधिकारियों के साथ साक्षात्कार के जरिए सार्वजनिक स्थानों के इस्तेमाल के तरीकों का पता लगाया गया है और यह प्रमुख बाधाओं एवं अवसरों की पहचान भी करता है । निष्कर्ष, जिनका मकसद नीति निर्माताओं को सुझाव प्रस्तुत करना है, बच्चों के अनुकूल और उनके लिए सुलभ शहरी वातावरण की आवश्यकता पर जोर देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »