पत्रकारिता एवं जनसंचार में गोल्ड मेडलिस्ट बने डॉ.रामविलास भारती
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LOK REPORTER ANUJ KUMAR
MAU NEWS।
पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है, यह बात साबित किया डॉ. रामविलास भारती एवं सेवानिवृत जिला विद्यालय निरीक्षक शिवचन्द राम ने। जहां डॉ. रामविलास भारती एक वरिष्ठ शिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता होते हुए भी लगातार उच्च शिक्षा में अध्ययनरत है।
जिसका परिणाम है कि अभी हाल में शिक्षक दिवस पर डॉ. रामविलास भारती को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया ही था कि इनकी मेहनत और त्याग के बल पर उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 18वां दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा डॉ.रामविलास भारती को एम.ए. (जे.एम.सी.) पत्रकारिता एवं जनसंचार में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।
आज डॉ. रामविलास भारती शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए बहुआयामी व्यक्तित्व के रोल माडल बन गए हैं। तो वहीं सेवानिवृति के बाद भी शिवचन्द राम की शिक्षा और अध्ययन के प्रति रुचि ने इतिहास विषय में स्नातकोत्तर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना बढ़ती उम्र से निराश हुए लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत है। डॉ. रामविलास भारती एक उत्कृष्ट शिक्षक होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी अग्रणीय भूमिका निभाते हैं।
डॉ. भारती का शिक्षा के प्रति गहन अभिरुचि के कारण व्यस्तताएं बाधक नहीं होती हैं। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बहुत विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी लगातार इनका उच्च शिक्षा में अध्ययनरत रहना चर्चा का विषय रहा। डॉ.भारती बातचीत के दौरान बताया कि शिक्षा हर व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकता है, जिसे हर हाल में मिलना चाहिए। शिक्षा के बल पर ही प्रबुद्ध एवं समृद्ध समाज व राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआईपीईए) नई दिल्ली की कुलपति प्रो. शशिकला बंजारी, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी, कुलपति सीमा सिंह, विश्वविद्यालय के कुलसचिव, प्रो.सुनील कुमार, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. दयानंद उपाध्याय, सत्यवीर राम त्रिपाठी आदि के साथ नीलम, दिवाकर राव, इरम फातिमा, स्मृति पाण्डेय, अवधेश पटेल आदि स्वर्ण पदक विजेता आदि उपस्थित रहे।