नगर निकाय चुनाव परिणाम योगी के विकास पर आमजन की मुहर….!
1 min read

लखनऊ,ब्यूरो। यूपी की जनता का योगी पर भरोसा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। 2017 में योगी के सत्ता में आने के बाद से ही आमजन ने विधानसभा, लोकसभा या उपचुनाव, हर जगह योगी की पार्टी भाजपा का भरपूर साथ दिया।जनसमर्थन का यही क्रम नगर निकाय चुनाव 2023 में भी जारी रहा।
2017 के मुकाबले 2023 में योगी आदित्यनाथ के विकास, कानून व्यवस्था और शहरी व्यवस्था के दृष्टिगत नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका के चुनावों में कमल ने कमाल कर दिया। उधर सपा और बसपा का ग्राफ इतना गिरा कि पिछली बार जीती सीटों को भी बरकरार नहीं रख पाई।
नगर निगम में 17 महापौर और 813 पार्षदों ने खिलाया कमल
योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यों और चुनाव प्रचार की बदौलत इस बार नगर निगम में महापौर की सभी 17 सीटों पर कमल खिल गया। जबकि 2017 में 16 में से 14 पर ही भाजपा को जीत मिली थी। नगर निगम में पार्षदों की संख्या पर नजर डालें तो इस बार भारतीय जनता पार्टी के 1420 में से 813 जनप्रतिनिधि कमल खिलाने में सफल रहे। पिछली बार यह आंकड़ा 596 का था। शहरों में भाजपा की यह जीत योगी के विकास पर आमजन की मुहर है।
भाजपा के नगर पालिका में 88 अध्यक्ष और 1353 सदस्य
नगर पालिका में भी योगी आदित्यनाथ का जादू खूब चला। योगी ने नगर पालिका प्रत्याशियों के पक्ष में भी जनसभाएं कर मतदाताओं से वोट देने की अपील की थी।वोटरों ने योगी की इस अपील को माना, बल्कि कई जगहों पर कमल के वोट प्रतिशत में भी खूब इजाफा किया।
2017 में नगर पालिका परिषद के 60 अध्यक्ष पद पर भाजपा को जीत मिली थी। 199 सीटों में से यह आंकड़ा इस बार बढ़कर 88 पहुंच गया। वहीं नगर पालिका परिषद सदस्यों में पिछली बार भाजपा को 923 सीट मिली थी। 2023 में यह संख्या बढ़कर 1353 हो गई है।
नगर पंचायतों में भी शतक से आगे पहुंची बीजेपी
नगर पंचायतों में भी भाजपा ने परचम लहराया। 544 में से 191 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर भाजपा के प्रतिनिधि काबिज हुए। 2017 में यह आंकड़ा सिर्फ 100 का था। यानी योगी के विकास की बदौलत न सिर्फ 91 और सीटें भाजपा की झोली में आईं, बल्कि वोट प्रतिशत में इजाफा भी खूब हुआ। भाजपा के नगर पंचायत सदस्यों की संख्या भी 664 से बढ़कर 1403 हो गई।
सपा की साइकिल हुई पंचर,बसपा का हाथी हुआ सुस्त
नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका चुनाओँ में सपा की साइकिल पंचर हो गई तो बसपा का हाथी भी गिर गया। 2017 की अपेक्षा इस चुनाव में इन दोनों प्रमुख विपक्षी दलों सपा,बसपा का हाल बहुत बुरा रहा। नगर निगम में सपा महापौर की रेस में शून्य पर ही रही। पार्षद 202 से घटकर 191 पर आ गए।
नगर पालिका परिषद अध्यक्षों की संख्या भी 45 से घटकर 35 हो गई। 2017 में सपा सदस्यों की संख्या 477 थी, वह 2023 में 423 हो गई। 2017 में नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा को 83 सीटों पर जीत मिली थी, 2023 में 78 पर सपा सिमट गई। बहुजन समाज पार्टी के दो महापौर 2017 में चुने गए थे। इस बार उनका खाता भी नहीं खुला। पार्षद 147 से घटकर 85 हो गए।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष बसपा के 29 से 16 हो गए। पालिका परिषद सदस्यों की संख्या 262 से 191 हो गई। नगर पंचायत अध्यक्ष भी 45 से घटकर 37 और सदस्य 218 से घटकर 215 हो गए।

कपिल देव सिंह (यूपी हेड)