बिहार के शिक्षा मंत्री की रामचरित मानस पर की हुई टिप्पणी से मचा घमासान जारी
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नई दिल्ली I
गत दिनों पटना में आयोजित नालंदा विश्वविद्यालय के 15 वें दीक्षांत समारोह के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर द्वारा राम चरित मानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बिहार के साथ साथ देश की राजनीति में अचानक से गर्मी बढ़ गई है। मीडिया के सवालों का ज़बाब देते हुए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि “मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गलियां दी गई I
वही राम चरित मानस के उत्तर कांड में लिखा गया है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं।यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ है,एक युग में मनुस्मृति ,दूसरे में राम चरित मानस,तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट ,ये सभी देश को ,समाज को नफरत में बांटते हैं ,नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी ,देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी ।
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के इस विवादित बयान के सार्वजनिक होने के बाद सियासी घमासान मच गया।भाजपा ने उनके बयान की निंदा करते हुए मंत्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है वही बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर अपने बयान पर अभी भी कायम होने की बात कही जा रही है।उन्होंने कहा कि राम चरित मानस में कई अच्छी बाते भी हैं लेकिन जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा ।
वही बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस ने शिक्षा मंत्री को पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपए का इनाम दूंगा ।जगद्गुरु ने आगे कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को सार्वजनिक तौर पर एक सप्ताह के अंदर माफी मांगनी चाहिए।इस तरह की बयानबाजी को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेंगे ।राम चरित मानस तोड़ने वाला नही ,जोड़ने वाला ग्रंथ है।
राम चरित मानस मानवता की स्थापना करने वाला ग्रंथ है जो भारतीय सभ्यता व संस्कृति का स्वरूप व गौरव है ।सियासी घमासान बढ़ता देख आरजेडी ने उनके बयान को निजी बताते हुए खुद को अलग कर लिया।वही देश के जानेमाने कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है ।ऐसे मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।उन्होंने सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मांग किया कि शिक्षा मंत्री को माफी मांगने के लिए कहें ।
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय संविधान में किसी को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं है ।मंत्री ने अपने बेतुके बयान से करोड़ो हिंदुओ की आस्था को आहत किया है।सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।प्रोफेसर चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा कि मेरा बयान बहुजनों के हक में है और उस पर कायम हूं।
उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा है कि माता शबरी के जूठे बेर खाने वाले राम रामचरित मानस में आते ही इतने जातिवादी कैसे हो जाते है?किसके फायदे के लिए यह ठेकेदार राम के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं ? वही ठेकेदार हैं जो एक राष्ट्रपति को जगन्नाथ मंदिर में घुसने से रोकते हैं,जीतनराम मांझी के जाने पर मंदिर धोते हैं।
इसके साथ ही उनके विवादित बयान के सार्वजनिक होने के बाद शुरू विवाद अभी थमने का नाम नही ले रहा है।एक तरफ जहां उनके बयान पर देश भर से विभिन्न संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा रही है वही दलित चिंतक पूर्व सांसद उदित राज सहित अन्य विपरीत विचारधारा के संगठनों सहित उनके नेताओं ने बयान को समर्थन देकर मामले को काफी गर्म कर दिया है।
फिलहाल बयान के पीछे भले ही सियासी कारण हो लेकिन इस तरह के बयानों से देश भर में सामाजिक एकता को गहरी चोट जरूर पहुंचती है।जिससे धर्म व जातियों के बीच बनी खाई और गहरी होती रही है।जो सदियों से चले आ रहे सामाजिक एकता व ताने बाने को तार तार करने में कोई कसर नही छोड़ते हैं।