अदाकारी की प्रयोगशाला थे, अभिनय सम्राट दिलीप कुमार
1 min readदिलीप कुमार की जयंती पर विशेष
फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर महान कलाकार दिलीप कुमार का जन्मदिन है I बॉलीवुड के इस एक्टर ने दशकों तक दर्शकों के दिलों में राज किया I अपनी सादगी भरी अदाकारी से लोगों को लुभाते रहे I आज उनके ना रहने से उनकी कमी को आज भी महसूस किया जा रहा है I दिलीप कुमार का असली नाम युसूफ खान था I उनका जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर पाकिस्तान में हुआ था I इनके पिता का नाम लाला गुलाम सरवर था जो ज़मींदार व पेशे से फल विक्रेता थे I इनकी माता का नाम आयशा था I उनके भाई नासिर खान भी अभिनेता से उनके भाभी के नाम बेगम पारा था इन के चाहने वाले अभिनय सम्राट के नाम से पुकारते थे I इनका फिल्म इंडस्ट्री में आजादी से लेकर साठ के दशक तक कैरियर पूरे चरम पर था I इसके बाद भी इन्होंने बहुत सी यादगार फिल्में दी है I दिलीप कुमार का साठ के दशक की मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो के साथ निकाह 1966 में हुआ I दिलीप कुमार व सायरा बानो के कोई बच्चे नहीं थे I इनका निधन 7 जुलाई 2021 को मुंबई में हुआ I दिलीप कुमार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं I इन्हें विभिन्न अवार्ड से सम्मानित किया गया जिसमें सबसे प्रमुख दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी है जो 1994 में मिला I इन्हें इससे पहले भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण और उससे पहले पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है I इन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार निशान- ए -इम्तियाज से नवाजा जा चुका है I दिलीप कुमार आज जिंदा होते तो अपना 100 वा जन्मदिन मनाते I फिलहाल उनकी अदाकारी उन्हें आने वर्षों में भी जिंदा रखेगी I
दिलीप कुमार का फिल्मी कैरियर
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार का फिल्मी कैरियर काफी शानदार रहा I दिलीप कुमार की एक्टिंग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत की तरह कार्य कर रही है I वही एक्टिंग के चलते फिरते स्कूल जैसे थे उन्होंने सबसे पहले मेथड एक्टिंग का इजाद किया इसीलिए तो इन्हें अभिनय सम्राट कहा जाता है I इनका नाम भारत के नहीं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में गिनती की जाती है I उन्होंने दशक तक एक्टिंग के क्षेत्र में काम किया 80% से अधिक फिल्में इनकी कामयाब रही I इन्हें काम लेने का मौका सबसे पहले प्रसिद्ध अभिनेत्री व फिल्म निर्माता देविका रानी ने दिया था I उनकी पहली फिल्म ज्वार भाटा है, जो कि 1944 में रिलीज हुई थी I दो असफल फ़िल्मों के बाद 1947 में जुगनू नाम की फिल्म पर्दे पर आई I इनके साथ उस समय की मशहूर अदाकारा नूरजहां थी इस फिल्म से इन अदाकारी पर लोगों का ध्यान गया I 1948 में शहीद और मेला फिल्म रिलीज हुई जो कि उस वर्ष की सबसे अधिक कमाने वाली फिल्मों में गिनी जाती है लेकिन उनकी पहली सफल फिल्म 1949 में फिल्म अंदाज है I इसकी सफलता ने उन्हें प्रसिद्ध दिलाई I इस फिल्म में उनके साथ उस जमाने के मशहूर अभिनेता राज कपूर भी थे I मुगले-ए-आज़म (1960) में उन्होने मुग़ल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। यह फ़िल्म पहले श्वेत और श्याम थी और 2004 में रंगीन बनाई गई। उन्होने 1961 में गंगा जमुना फ़िल्म का निर्माण भी किया, जिसमे उनके साथ उनके छोटे भाई नासिर खान ने काम किया। 1970, 1980 और 1990 के दशक में उन्होने कम फ़िल्मो में काम किया। इस समय की उनकी प्रमुख फ़िल्मे विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार (1990) और सौदागर (1991) थी। 1998 में बनी फिल्म किला उनकी आखिरी फ़िल्म थी। उन्होने रमेश सिप्पी की फ़िल्म शक्ति में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। इस फ़िल्म के लिए उन्हे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला।
फ़िल्मों के ट्रेजडी किंग
इन्हें फिल्म इंडस्ट्री में ट्रेजडी किंग भी कहा जाता है I फिल्मों में इनके किरदार को लेकर इनके चाहने वाले दर्शक इन्हें ट्रेजडी किंग के नाम से भी पुकारते थे I क्योंकि इनकी दीदार (1951), देवदास (1955) जैसी बहुत सारी फिल्मों में फिल्म के अंत में हीरोइन के साथ मिलन नहीं हो पाता था और फिल्म का अंत दुखद होता था I इसी के चलते दिलीप कुमार को ट्रेजडी किंग के नाम भी जाना जाने लगा I