Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

यूपी के हर मंडल में खुलेगा एक सैनिक स्कूल……

1 min read

लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के हर मंडल में एक सैनिक स्कूल खोलने का निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लिया है। इन स्कूलों में पढ़े युवा भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों में अधिकारी बन कर देश की सेवा करेंगे।

फौजियों के गांव के नाम से मशहूर है गाजीपुर का गहमर गांव और बस्ती का पचवस गांव

गाजीपुर जिले में स्थित एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर की तो पहचान ही फौजियों के गांव के रूप में है। एक लाख 20 हजार की आबादी वाले इस गांव के हर घर से कोई न कोई सेना और अर्द्धसैनिक बल में सर्विस कर रहा है। किसी किसी घर में तो यह देश सेवा तीन पीढ़ियों से है। इसी तरह बस्ती जिले के पचवस गांव को भी सैनिकों का गांव कहा जाता है। उत्तराखंड और हरियाणा से सटे इलाके में भी ऐसे कई गांव हैं जहां के लोग सेना और अर्धसैनिक बलों में बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं।

जिस परीक्षा द्वारा सेना के लिए अधिकारियों का चयन होता है। वह बेहद प्रतिष्ठापरक होती है। उसमें बमुश्किल पूरे देश के कुछ सौ चुनिंदा कैडेट्स प्रशिक्षण के लिए चुने जाते हैं। इनमें आम तौर पर उत्तर प्रदेश के युवाओं की संख्या सबसे अधिक होती है। आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं।

इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) के इस साल के पासिंग आउट परेड में यह संख्या 63 है। जून 2022 में 50, दिसंबर 2021 में 45, जून 2021 में 66, दिसंबर 2020 में 50, जून 2020 में यह संख्या 66 रही। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश के हर मंडल में एक सैनिक स्कूल की स्थापना, से इस संख्या का आने वाले सालों में और बढ़ना अवश्यसंभावी है।

पीपीपी मॉडल पर खोले जाएंगे नए सैनिक स्कूल

इस समय उत्तर प्रदेश में 4 सैनिक स्कूल हैं। इसमें से अमेठी, झांसी, मैनपुरी रक्षा मंत्रालय द्वारा और लखनऊ का सैनिक स्कूल प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है। गोरखपुर के फर्टिलाइजर कारखाने में लगभग 50 एकड़ में एक सैनिक स्कूल निर्माणाधीन है। अगले सत्र से यहां पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर मंडल में एक सैनिक स्कूल खोले जाने की घोषणा कर चुके हैं। घोषणा के मुताबिक आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद, बाँदा, झांसी, देवीपाटन, अयोध्या, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर, मीरजापुर और वाराणसी में पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर सैनिक स्कूल खोले जाएंगे।

विरासत में मिला है योगी को देशप्रेम का संस्कार

योगी आदित्यनाथ जिस गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, उस पीठ का शुरू से ही यह मानना रहा है कि शिक्षा संस्कार का माध्यम बने। यह युवाओं को किताबी ज्ञान तक सीमित रखने की बजाय उनमें देश प्रेम का जज्बा और जुनून भी पैदा करे।

यही वजह है कि 1932 में तत्कालीन पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने तब पिछड़े पूर्वांचल में शिक्षा का अलख जगाने के लिए जिस शिक्षा परिषद की स्थापना की उसका नाम महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद रखा। महाराणा प्रताप का देश प्रेम के प्रति जोश, जज्बा और जुनून जगजाहिर है।

तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपने समय के सबसे ताकतवर बादशाह अकबर को लोहे के चने चबवा दिए थे। परिषद से जुड़े शिक्षण संस्थानों के बच्चों में भी राणा प्रताप की तरह ही देश प्रेम का जोश,जज्बा और जुनून हो।नामकरण के पीछे यही सोच थी।

कपिल देव सिंह – यूपी हेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »